इस गैंग ने हरियाणा में मचाया हाहाकार, कांग्रेस नेता का करवाया मर्डर; 80 व्यापारियों से की वसूली
गुरुग्राम में बुकी विजय बत्रा उर्फ तांत्रिक एवं फरीदाबाद निवासी कांग्रेस नेता विकास चौधरी की हत्या वसूली के सिलसिले में कौशल गैंग के गुर्गों द्वारा कराई गई।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। हत्या, हत्या के प्रयास, लूट एवं रंगदारी मामलों के लिए कुख्यात गैंगस्टर कौशल ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पलवल एवं रोहतक सहित प्रदेश के कई जिलों के 80 से अधिक कारोबारियों से रंगदारी वसूल की। उसने कितनी राशि वसूल की, यह उसे ध्यान में नहीं है। पूछताछ के मुताबिक अनुमान है कि दो करोड़ रुपये से अधिक राशि वसूल की गई। उसके निशाने पर आम आदमी नहीं थे, बल्कि बिल्डर, आभूषण कारोबारी, होटल संचालक, रेस्तरां संचालक एवं बुकी थे। उसके गैंग में 50 से अधिक गुर्गे थे। कई गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पांच मुख्य गुर्गे अभी भी बाहर हैं जो उसे वाट्सएप कॉल के माध्यम से किस कारोबारी से वसूली की जा सकती है, इस बारे में सूचना देते थे। हत्या तब कराता था जब बार-बार रंगदारी मांगने के बाद पैसे नहीं पहुंचाए जाते थे।
कांग्रेस नेता की हत्या वसूल के चक्कर में हुई थी
गुरुग्राम में बुकी विजय बत्रा उर्फ तांत्रिक एवं फरीदाबाद निवासी कांग्रेस नेता विकास चौधरी की हत्या इसी सिलसिले में गुर्गों द्वारा कराई गई। यह जानकारी रिमांड के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की गुरुग्राम टीम द्वारा की गई पूछताछ में सामने आई है। सबसे बड़ी जानकारी यह है कि यह फिलहाल शारजाह में रह रहा था। वैसे वह दुबई आता-जाता था। हरियाणा पुलिस के नाक में दम करने वाले कुख्यात गैंगस्टर कौशल को एसटीएफ ने पिछले सप्ताह सोमवार को आइजीआइ एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। उसे उसी दिन गुरुग्राम अदालत में पेश कर दो सितंबर तक के लिए रिमांड पर लिया गया था।
दिसंबर 2017 में वह दुबई गया, शारजाह में रहकर गुर्गों को निर्देश देता था
रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद उसे सोमवार को अदालत में पेश किया गया। उसी दौरान फरीदाबाद पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए अदालत में अर्जी लगा दी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। रिमांड के दौरान उससे एक देशी पिस्तौल, एक स्कार्पियो एवं एक स्विफ्ट कार बरामद की गई। दोनों गाड़ी उसने फर्जी आइडी पर खरीदी थी। उसने वर्ष 2016 में ही फर्जी आइडी पर फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवा लिया था लेकिन दिसंबर 2017 में दुबई गया था। दुबई एवं शारजाह में फ्लैट किराये पर लेकर रह रहा था।
राजस्थान में सात जगह थे उसके ठिकाने
गैंगस्टर कौशल दुबई जाने से पहले राजस्थान में ही रहकर वारदात को अंजाम देता था। उसके सात ठिकाने थे। रिमांड के दौरान सभी ठिकानों की पहचान की गई। वह दो-चार दिन भी एक ठिकाने पर लगातार नहीं रहता था। अपने गुर्गों से हमेशा ही वाट्सएप कॉल से बात करता था। यही वजह रही कि वह इतने लंबे समय तक पकड़ में नहीं आया। शारजाह एवं दुबई से भी वह हमेशा ही वाट्सएप कॉल ही करता था। उसके गुर्गे कारोबारियों के बारे में पूरी जानकारी उसे देते थे। इसके बाद वह अधिकांश को वाट्सएप कॉल करता था। कुछ से उसके गुर्गे ही वाट्सएप काॅल करके रंगदारी वसूल लेते थे।
गैंगस्टर बिंदर गुर्जर को मानता है मुख्य प्रतिद्वंद्वी
कौशल ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसका प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर बिंदर गुर्जर है। उससे उसकी हमेशा ही तकरार रही है। उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसके कई गुर्गे अभी भी बाहर हैं। उसने बिंदर गुर्जर के बड़े भाई पप्पू गुर्जर, गैंगस्टर महेश अटैक, गैंगस्टर जेडी, बुकी विजय बत्रा, फरीदाबाद निवासी विकास चौधरी आदि की हत्या में अपनी संलिप्ता की बात स्वीकार की है। ओम स्वीट्स एवं पुष्पांजलि अस्पताल में फायरिंग कराने का आरोप उसके ऊपर है। इनके अलावा भी दहशत पैदा करने के लिए कारोबारियों के ऊपर फायरिंग कराने का आरोप है।
एसटीएफ की नजर गुर्गों पर
सतीश बालन (डीआइजी, एसटीएफ) का कहना है कि गैंगस्टर कौशल ने 80 से अधिक कारोबारियों को अपना निशाना बनाया। अभी भी उसके कई गुर्गे बाहर हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए सात टीमें बनाई गई हैं। सभी गुर्गों के पीछे दिन-रात लगी हुई हैं। जल्द ही कामयाबी हासिल होगी। कौशल के गुर्गों के साथ ही जो भी अपराधी बाहर हैं, सभी के ऊपर एसटीएफ की नजर है।