अयोध्या में वर्ष 2024 तक हर हाल में तैयार हो जाएगा राम मंदिर : विहिप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने शनिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि 70 एकड़ में राम मंदिर परिसर होगा। इसमें मंदिर के अलावा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस लाइब्रेरी के साथ ही सभागार गोशाला संग्रहालय अतिथिगृह सहित कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर हर हाल में वर्ष 2024 तक तैयार हो जाएगा। इसी हिसाब से काम शुरू किया गया है। मंदिर परिसर में 12 अन्य प्रोजेक्ट के ऊपर भी काम साथ-साथ चलेगा। मंदिर ही नहीं बल्कि पूरा परिसर पूरी दुनिया के लिए आस्था का केंद्र बने, इसे ध्यान में रखकर काम होना है। हिंदुत्व के ऊपर शोध की सुविधा भी परिसर में उपलब्ध होगी।
यह जानकारी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने शनिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में दी। वह सेक्टर-10ए स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में आयोजित श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि 70 एकड़ में राम मंदिर परिसर होगा। इसमें मंदिर के अलावा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस लाइब्रेरी के साथ ही सभागार, गोशाला, संग्रहालय, अतिथिगृह सहित कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मंदिर सहित पूरे परिसर के ऊपर किसी भी आपदा का असर न हो, इसे ध्यान में पूरा काम शुरू किया गया है। जिस प्रकार से कहीं पर बांध के निर्माण से पहले तैयारी की जाती है उसी तरह मंदिर निर्माण से पहले तैयारी की जा रही है। एक साथ मंदिर एवं अन्य प्रोजेक्ट के ऊपर काम शुरू होगा ताकि वर्ष 2024 तक पूरा हो जाए।
शारीरिक रूप से भी सेवाएं देने के लिए लोग तैयार
भगवान श्रीराम के प्रति लोगाें में इतनी आस्था है कि लोग शारीरिक रूप से सेवाएं देने को तैयार हैं। वे कहते हैं कि जब तक मंदिर का निर्माण चलेगा तब तक वह अपना सारा काम छोड़कर सेवा करना चाहते हैं। संभवत: पूरी दुनिया में इससे पहले ऐसा माहौल कभी देखने को न मिला हो। जो किसी तरह अपना घर चला रहे हैं वे भी बढ़-चढ़कर निधि समर्पण के लिए आगे आ रहे हैं।
निधि समर्पण करने के बाद कहते हैं कि उनका जीवन सफल हो गया। हम सभी धन्य हैं कि अपनी आंखों के सामने मंदिर का निर्माण होता देख रहे हैं। 492 साल का संघर्ष है। लाखों लोग शहीद हो गए। अब जाकर शुभ दिन आया है। देश के भीतर पहले 60 करोड़ से अधिक लोगों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा गया था। अब लगता है इसे बढ़ाकर 70 करोड़ से अधिक रखना होगा क्योंकि हर कोई निधि समर्पण करने काे तैयार बैठा है।