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हरियाण के 44 गांवों में होगी ऑर्गेनिक खेती, कृषि अधिकारी एक-एक गांव लेंगे गोद

दिनोंदिन खेती में बढ़ रहे रासायनिक खादों व कीटनाशकों के उपयोग का दुष्प्रभाव इंसान के शरीर पर पड़ रहा है। ऑर्गेनिक खेती से कई बीमारियों से बचा जा सकेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 10:28 AM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 04:00 PM (IST)
हरियाण के 44 गांवों में होगी ऑर्गेनिक खेती, कृषि अधिकारी एक-एक गांव लेंगे गोद
हरियाण के 44 गांवों में होगी ऑर्गेनिक खेती, कृषि अधिकारी एक-एक गांव लेंगे गोद

गुरुग्राम (जेएनएन)। प्रदेश के 44 गांवों में पूरी तरह से ऑर्गेनिक (जैविक) खेती की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के सभी 22 जिलों में से प्रत्येक जिले में जिला बागवानी अधिकारी और कृषि अधिकारी एक-एक गांव गोद लेंगे। गुरुग्राम से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। जिला बागवानी अधिकारी ने जिले के पटौदी ब्लॉक के गांव ईच्छापुरी को गोद लिया है।

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गुरुग्राम में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत स्टार्टअप के तौर पर की गई है। 13-14 जुलाई को गुरुग्राम में बागवानी एवं कृषि विषय पर एक सेमिनार हुआ था, जिसमें कृषि मंत्री व कृषि एवं बागवानी विभाग के अधिकारियों ने गांवों को गोद लेकर वहां पर आर्गेनिक खेती करने पर चर्चा की थी। इसके बाद दोनों विभागों के मुख्यालय की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।

ऑर्गेनिक सब्जी व फलों के मिलेंगे ज्यादा दाम

बागवानी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक ऑर्गेनिक सब्जी और फल महंगे दाम पर बिकते हैं। इनके ऑर्गेनिक होने का प्रमाण जिला बागवानी अधिकारी ही दे सकेंगे। ईच्छापुरी गांव के 37 किसानों को ऑर्गेनिक सब्जी व फल उत्पादन करने के लिए इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है।

इन किसानों का एक फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) भी बनाया गया है। ऑर्गेनिक खेती में कीटनाशकों की जगह पर नीम ऑयल आदि का उपयोग किया जाता है। खाद के रूप में गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जाता है।

दरअसल, दिनोंदिन खेती में बढ़ रहे रासायनिक खादों व कीटनाशकों के उपयोग का दुष्प्रभाव इंसान के शरीर पर पड़ रहा है। ऑर्गेनिक खेती करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकेगा।

एसआरसीसी के स्टूडेंट्स सिखाएंगे मार्केटिंग के गुर

ऑर्गेनिक सब्जी और फलों की मार्केटिंग के लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है, ताकि किसानों को अपनी फसल अच्छे दाम पर बेचने में परेशानी न हो।

दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के स्टूडेंट गुरुग्राम के किसानों को मार्के¨टग की ट्रेनिंग देंगे। आर्गेनिक सब्जियों को बेचने के लिए एक ब्रांड लोगो भी तैयार किया जाएगा।

इसके अलावा ये स्टूडेंट किसानों के ऑर्गेनिक फल व सब्जियां बेचने के लिए आउटलेट का डिजाइन भी करेंगे। यह आउटलेट गुरुग्राम शहर में खोला जाएगा।

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद का कहना है कि प्रदेश के 22 जिलों के 44 गांवों को ऑर्गेनिक खेती के लिए गोद लिया जाएगा। बागवानी विभाग की ओर से इसकी शुरुआत गुरुग्राम के ईच्छापुरी गांव से की गई है।


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