गुरुग्राम: राशन कूपन में सक्षम लोगों के सामने जरूरतमंद हुए दरकिनार
राज्य सरकार ने कोरोना वायरस लाभार्थियों की सूची जारी हुई तो उस पर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां तक कि सर्वे की मुख्य कड़ी रहे पार्षदों व सरपंच ने ही सूची पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सतीश राघव, सोहना। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड -19) वैश्विक महामारी के चलते जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाने की डिस्ट्रेस राशन कूपन जारी कर राशन देने की योजना बनाई। इसका सर्वे किया गया। अब सर्वे के बाद लाभार्थियों की सूची जारी हुई तो उस पर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां तक कि सर्वे की मुख्य कड़ी रहे पार्षदों व सरपंच ने ही सूची पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि कई ऐसे नाम हैं जिनके पास आलीशान मकान के साथ-साथ कार तक हैं। ऐसे लोग झुग्गी में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों के हक पर डाका डाल रहे हैं।
बता दें कि प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने हाल ही में सोहना खंड की सभी 38 ग्राम पंचायतों व नगरपरिषद के सभी 21 वाडरें में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों का सर्वे कराया गया था। सरकार की योजना थी कि ऐसे परिवारों को चयनित किया जाना था जो कोरोना संक्रमण के चलते रोजी रोटी के लिए परेशान हैं। इस योजना के तहत ही नगरपरिषद व बीडीपीओ कार्यालय से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सरपंच और शहरी क्षेत्र में वार्ड पार्षदों को जिला राशन कूपन के तहत 1683 कूपन दिए गए है। इनमें 1400 कूपन नगर परिषद के शहरी क्षेत्र तथा शेष कूपन ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे परिवारों को बांटे गए।
वार्ड पार्षद इन बांटे गए कूपनों को लेकर एतराज उठा रहे है। वार्ड 18 के पार्षद वीरेंद्र कुमार बताते है कि कूपन वितरण को लेकर धांधली बरती गई है। उनके वार्ड में महज 15 कूपन आए है जिनमें पांच या छह सम्पन्न परिवारों के नाम हैं। गांव सरमथला की महिला सरपंच सपना राघव बताती है कि उनके गांव में 15 कूपन आए हैं लेकिन उनमें ऐसे परिवारों के नाम हैं जो साधन संपन्न हैं, जिनके पास कार व अन्य तमाम संसाधन हैं। योग्य लोगों के नाम सर्वे में दिए गए, लेकिन वे सूची से हटा दिए गए।
नगर परिषद के वार्ड 11 के पार्षद असगर हुसैन कहते हैं कि सरकार तो अपनी ओर से हर जरूरतमंद को राशन मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन यहां बैठे अधिकारी अपनी मनमानी चला रहे है। उन्होने सर्वे के दौरान प्रशासन को अपने वार्ड से 100 लोगों की सूची सौंपी थी लेकिन उन्हें मात्र 6 कूपन ही मिले है। उसके द्वारा दिए गए महज दो परिवारों के नाम इस सूची में दर्ज है जबकि अन्य नाम अधिकारियों ने अपनी मर्जी से लिख दिए।
इंस्पेक्टर खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विभाग उमेद सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में एक-दो को छोड़ कर किसी भी गांव के सरपंच एतराज नही उठा रहे हैं लेकिन शहरी क्षेत्र में एतराज किया जा रहा है, जो सही भी हो सकता है। बीडीपीओ व एसडीएम सोहना डॉ. चिनार चहल को जानकारी दी जा चुकी है। गलत नाम हटाए जाएंगे।