लाइफस्टाइल: साड़ी चैलेंज से प्रभावित होकर परंपराओं से जुड़ रहे हैं लोग
Coroanvirus lockDown शिक्षाविद डॉक्टर ब्यूटी एक्सपर्ट और कलाकार हर कोई साड़ी की लहर में बहता नजर आ रहा है।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। होम आइसोलेशन में बाहर नहीं निकलना है तो क्या हुआ, फैशन फ्लांट करने के लिए सोशल मीडिया का रैंप है न। लोग फैशन को लॉकडाउन के इस दौर में बहुत मिस कर रहे थे। ऐसे में एक चैलेंज की शुरुआत हुई और सोशल मीडिया पर देखते ही देखते यह चैलेंज छा गया। इसमें आपको अपनी पसंदीदा साड़ी पहनकर फोटो पोस्ट करनी है।
मनोरंजन को लेकर यह चैलेंज इतना हिट हो रहा है कि इसमें शिक्षाविदों से लेकर होममेकर्स और फैशन डिजाइनर्स तक ने गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है।
साड़ी चैलेंज ने बदला माहौल
इस चैलेंज से जहां एक ओर महिलाओं एवं युवतियों को कुछ नया करने को मिला है वहीं वे अपनी पारंपरिक जड़ों से भी जुड़ी महसूस कर रही हैं।
हर तीसरी पोस्ट में साड़ी
लगातार एक के बाद एक पोस्टों पर साड़ी नजर जाती है। सरसरी तौर पर एक बार पूरी वॉल देखते हैं और फिर दिमाग में क्लिक होता है कि कुछ है जो कि बार-बार दिख रहा है। फिर स्क्रॉल करते हैं और देखते हैं कि यह कुछ अलग-अलग तरह की साड़ियां हैं जो कि लगभग एक से अंदाज में पहनकर फोटो पोस्ट की गई है। ध्यान से पढ़ते हैं तो पता चलता है कि यह तो सोशल मीडिया का एक चैलेंज है जो कि तेजी से ट्रेंड कर रहा है। शिक्षाविद, डॉक्टर, ब्यूटी एक्सपर्ट और कलाकार, हर कोई साड़ी की लहर में बहता नजर आ रहा है। युवतियां बीती सदी के सातवें व आठवें दशक तक की साड़ियों को निकालकर चैंलेज का हिस्सा बन रही हैं।
इस संदेश से आई बहार
इस नकारात्मकता के बीच आओ कुछ सकारात्मनक कुछ रचनात्मक व दिल को राहत देने वाली चीज करें, मेरी एक खूबसूरत दोस्त ने मुङो साड़ी पहनकर अकेले की फोटो पोस्ट करने का चैलेंज दिया है और मैं भी आगे ऐसा ही कर रही हूं, जिन दोस्तों को मैं टैग नहीं कर पाई यह उनके लिए भी है। इस चैलेंज ने सोशल मीडिया को एक ऐसी बयार दी कि हर महिला आलमारी से एक बार अपनी खूबसूरत साड़ी निकालने को मजबूर हो गई।
क्या कहती हैं विशेषज्ञ
आर्टिसन सागा की संस्थापक सीमा अग्रवाल का कहना है कि इस वक्त में इस तरह का चैलेंज कई तरह के साकारात्मक बदलाव लाएगा। यह एक तो लोगों का ध्यान वायरस की चुनौती से हटाएगा और दूसरी उनमें जागरूकता आएगी और वे साड़ी के प्रति आकर्षित होंगी। अच्छा लग रहा है यह देखकर की पाश्चात्य फैशन को सराहने वाली नवयुवतियां इस चैलेंज में उत्साह से भाग ले रही हैं। इस चैलेंज में साड़ी को वैश्विक रूप से सराहना मिल रही है।
अंतरराष्ट्रीय फैशन डिजाइनर आंचल सुखीजा ने बताया कि इस चैलेंज के जरिए हम एक बार फिर से परंपराओं से जुड़ रहे हैं। लॉकडाउन के इस दौर में इस तरह की पहल भारतीय परिधानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जा रही है। इससे लोगों को अपने पारंपरिक परिधानों की खूबसूरती से रूबरू होने का मौका मिलेगा। लाइक्स मिलेंगे, सराहना मिलेगी तो नई पीढ़ी की युवतियां भी साड़ी को भी ट्रेंड का पर्याय मान सकेंगी।