गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। गंभीर चिंतन के कौशल को जेनुइन स्किल्स में शुमार किया जाता है। यह जीवन जीने और अच्छी शिक्षा हासिल करने की आधारशिला है। बच्चों में चीजों को देखकर, पढ़कर, अपने अनुभवों और बातचीत से जानकारी जुटाने की क्षमता पनपती है। इससे वह ज्ञान का विश्लेषण और तथ्यों का मूल्यांकन करने के काबिल बनते हैं, जिससे किसी मुद्दे पर उनकी स्पष्ट धारणा बनती है।
बच्चों की परवरिश इस तरह करने की जरूरत है कि वह गंभीरता से किसी बारे में सोच सकें और किसी विषय के तथ्यों पर सवाल उठा सकें। गंभीर चिंतन का कौशल यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे स्पष्टता और तर्कपूर्ण ढंग से किसी मुद्दे पर सोच सकें कि उन्हें किस पर विश्वास रखना है और किस पर नहीं। यह जीवन के सभी क्षेत्रों के लिए आवश्यक है। यह बच्चे को तार्किक ढंग से सोचने के काबिल बनाता है। बच्चों का खुला दिमाग उनमें गंभीर रूप से चिंतन की अच्छी स्किल्स विकसित करने में मदद देता है। इससे किसी भी अनुमान या मान्यता को स्वीकार करने से पहले आंकड़ों पर आधारित जानकारी का मूल्यांकन और तथ्यों का विश्लेषण करने में उन्हें मदद मिलती है।
सच से रूबरू कराएं
बच्चों को सही जानकारी दीजिए। उन्हें ज्यादा से ज्यादा पढ़ने और पढ़ी हुई बात को याद रखने के लिए प्रेरित कीजिए। जिस विषय पर बच्चे नई-नई बातें जानना चाहते हों उनकी उन्हें सही जानकारी दीजिए। यह बच्चों में विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित करने का सबसे अच्छा तरीका है।
स्वावलंबी बनने दीजिए
अपने बच्चों पर छोटी-छोटी जिम्मेदारियां डालिए। जैसे वह अपना स्कूल बैग ठीक कर सकें। पालतू पशुओं की देखभाल कर सकें और पौधों को पानी दे सकें। बच्चों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां देने से बच्चों को समय से इन्हें निभाने की भावना पनपेगी और साथ ही आत्मविश्वास भी आएगा।
विकसित होगी निर्णय क्षमता
हालात का विश्लेषण करने और सही फैसले लेने में बच्चों की मदद कीजिए। रोजाना निर्णय लेने की प्रक्रिया से बच्चों को स्थिति का विश्लेषण कर उसके गुण-दोषों का मूल्यांकन करने से फैसले लेने में मदद मिलेगी। चाहे वह स्कूल का काम हो, होमवर्क पूरा करना हो या अपने दोस्तों को मैनेज करना हो। वयस्क फैसले लेने की प्रक्रिया में बच्चों को सही जानकारी देकर उनकी मदद कर सकते है।
जिज्ञासा शांत कीजिए
अपने बच्चों को पढ़ी हुई जानकारी या विभिन्न जगहों से इकट्ठा की गई जानकारी पर सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित कीजिए और उनके सवालों के जवाब दीजिए। सवाल पूछने से बच्चों में जिज्ञासा की भावना पनपती है। हर सवाल बच्चों को कुछ न कुछ नया सीखने का मौका देता है। सवाल पूछने और सवाल के जवाब में क्रॉस क्वेश्चन करने से बच्चों में तार्किक ढंग से सोचने-समझने की क्षमता विकसित होती है।
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