Gurugram Crime News: घर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग, दो लोगों की मौत, चार घायल
हथियारबंद पांच-छह बदमाशों ने बृहस्पतिवार रात लगभग आठ बजे गांव कासन के एक मकान में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की। छह लोगों को गोलियां लगीं। इनमें से दो की मौत हो गई। एक अन्य की हालत काफी गंभीर है। घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गुरुगाम [आदित्यराज]। हथियारबंद पांच-छह बदमाशों ने बृहस्पतिवार रात लगभग आठ बजे गांव कासन के एक मकान में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की। छह लोगों को गोलियां लगीं। इनमें से दो की मौत हो गई। एक अन्य की हालत काफी गंभीर है। घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वारदात के बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बदमाशों की धरपकड़ के लिए इलाके में कई जगह नाकेबंदी की गई है।
गांव कासन के पूर्व सरपंच स्व. गोपाल सिंह के बेटे बलराम सिंह चौहान, सोनू सिंह चौहान, रिश्तेदार राजेश सिंह, विकास सिंह एवं प्रवीण सिंह दीपावली की पूजन कर रहे थे।
वहां पर बलराम सिंह चौहान का आठ वर्षीय यश भी मौजूद था। उसी दौरान दो-तीन बाइक से पांच-छह हथियारबंद बदमाश घर में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इससे किसी को भी इधर-उधर छिपने का मौका नहीं मिला। इस वजह से मौके पर मौजूद सभी छह लोग चपेट में आ गए। अन्य लोग पूजन के नजदीक नहीं थे अन्यथा वे भी चपेट में आ सकते थे। घायल राजेश सिंह के इकलौते बेटे 21 वर्षीय विकास सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वह प्रथम वर्ष के छात्र थे।
इलाज के दौरान 38 वर्षीय सोनू सिंह ने दम तोड़ दिया। आठ वर्षीय यश को गोली छूती हुई निकल गई। प्रवीण सिंह की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। बलराम सिंह एवं राजेश सिंह की हालत ठीक है। राजेश सिंह की ही शिकायत पर आइएमटी मानेसर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है। राजेश सिंह रिश्ते में बलराम सिंह के मामा लगते हैं। वह वर्षों से गांव कासन में ही रह रहे हैं। प्रवीण सिंह मूल रूप से भिवानी जिले के गांव सातरोड निवासी हैं। वह बलराम सिंह चौहान के भांजे हैं। यह भी कई साल से गांव कासन में ही रह रहे हैं।
डागी को भी मारी गोली
बताया जाता है कि बदमाशों ने सबसे पहले बलराम सिंह चौहान के जर्मन शेफर्ड डागी को गोली मारी। गेट पर बलराम सिंह की मां बदमाशों के सामने आ गई थीं। उन्हें मारने की बदमाशों ने गोली चलाई जो डागी को लगी। उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद बदमाश अंदर पहुंचे और जब तक सभी संभलते तब तक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। यह भी बताया जाता है कि सभी को बचाने के लिए विकास सिंह आगे आ गए थे। इस वजह से उन्हें कई गोलियां लगीं।
आतिशबाजी से नहीं चला पता
दीपावली पर आतिशबाजी की वजह से पड़ोसियों को भी गोलियां चलने का पता नहीं चला। बदमाशों के भागने के बाद जब रोने की आवाज सुन पड़ोसी दौड़े। शक गांव के ही रहने वाले बदमाश रिंकू के ऊपर जताया जा रहा है। रिंकू ने मनीष सहित अपने कई अन्य साथियों की मदद से वारदात को अंजाम दिया। बताया जाता है कि रिंकू के भाई मनोज की वर्ष 2007 के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी। रिंकू अपने भाई की मौत के लिए बलराम सिंह चौहान एवं सोनू सिंह चौहान को शुरू से ही जिम्मेदार ठहराता आ रहा है। इस मामले में दोनों भाइयों के साथ ही गांव खोह निवासी वेद को अदालत से उम्र कैद की सजा हो रखी है।
सजा होने के बाद भी रिंकू की रंजिश बरकरार है। हालांकि पूरी सच्चाई जांच से ही या फिर आरोपितों की गिरफ्तारी से ही सामने आएगी। आइएमटी मानेसर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर यशवंत सिंह का भी कहना है कि बदमाश रिंकू की पूर्व सरपंच स्व. गोपाल सिंह के परिवार से रंजिश है। इससे शक उसी के ऊपर है। पहले भी दोनों परिवार के बीच झड़प हो चुकी है। जल्द ही पूरी सचाई सामने लाई जाएगी।
दोनों शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। सोनू सिंह चौहान कोरोना पाजिटिव थे। इस वजह से उनका कोविड प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। आइएमटी मानेसर थाना पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच की पांच टीमों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रथम दृष्टया मामला आपसी रंजिश का लग रहा है। जहां भी आरोपित छिप सकते हैं वहां दबिश दी जा रही है। जल्द ही सभी गिरफ्त में होंगे।
प्रीतपाल, सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम), गुरुग्राम