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Haryana: ICU में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलीं महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज

अस्पताल से निकलने के बाद प्रीति भारद्वाज ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता के साथ उनकी बातचीत हुई। उनको पूरी तरह से न्याय दिलाने के लिए सांत्वना दी गई। पुलिस व महिला आयोग इस मामले में पूरी तरह से गंभीर है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 09:38 PM (IST)
Haryana: ICU में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलीं महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज
यौन उत्पीड़न की शिकार युवती के बारे में जांच पड़ताल करते हुए प्रीति भारद्वाज: जागरण

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। हरियाणा राज्य महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज ने शुक्रवार रात फोर्टिस अस्पताल पहुंचकर यौन उत्पीड़न की शिकार युवती का हाल जाना। प्रीति भारद्वाज ने पीड़िता के माता-पिता से कहना उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। अस्पताल प्रबंधन व पुलिस से इस मामले में जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट आयोग को देने के भी निर्देश दिए। उनके साथ एसीपी उषा कुंडू, जिला नागरिक अस्पताल की उप चिकित्सा अधिकारी व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के अलावा फोर्टिस अस्पताल की निदेशक रितु भी मौजूद रहीं। प्रीति भारद्वाज ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर भी कई सवाल उठाए।

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पीड़िता युवती जहां वेंटिलेटर पर है। वहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं। उन्होंने कहा टीबी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती पीड़िता का इलाज इसी अस्पताल में ही चलेगा। इसके लिए फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन पूर्ण रूप से जिम्मेदार रहेगा।

बता दें कि क्षय रोग से पीड़ित युवती 21 अक्टूबर को बेहोशी की हालत में अस्पताल के आइसीयू में भर्ती की गई थी। बीच-बीच में वह कई बार होश में भी आई। युवती को वेंटिलेटर पर रखा गया था। मंगलवार को युवती ने अपने पिता को कागज पर लिखकर बताया था कि उसके साथ अस्पताल के एक कर्मचारी ने दुष्कर्म किया। जिसके बाद पुलिस के पास मामला पहुंचा था। पुलिस ने मामला दर्ज कर शक के आधार पर अस्पताल में आउटसोर्स पर लगे दो कर्मचारियों से पूछताछ भी की है। हालांकि पीड़िता के बयान पुलिस नहीं दर्ज कर सकी है। वह बयान देने की हालत में नहीं है। शुक्रवार को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है।

रात साढ़े आठ बजे अस्पताल से निकलने के बाद प्रीति भारद्वाज ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता के साथ उनकी बातचीत हुई। उनको पूरी तरह से न्याय दिलाने के लिए सांत्वना दी गई। पुलिस व महिला आयोग इस मामले में पूरी तरह से गंभीर है। अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को जांच में सहयोग करने का पूरा आश्वासन दिया है। जांच में सहयोग भी किया जा रहा है। इस मामले में अस्पताल के दो कर्मचारी संदिग्ध हैं। पीड़िता ने जो नाम बताया है उस नाम के 10-12 कर्मचारी अस्पताल में हैं। पुलिस पूरी तरह से जांच में जुटी हुई है। जांच में सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। जांच में कोताही बरती तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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