नाबालिग कार सवार के टक्कर मारने से हुई थी बाइक चालक की मौत, मां-बाप पर FIR
हर्ले डेविडसन बाइक चालक की मौत मामले में कार सवार नाबालिगों के माता-पिता के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। हर्ले डेविडसन बाइक चालक आलोक गुप्ता की मौत मामले में नाबालिग आरोपित के माता-पिता के नाम डीएलएफ फेज-दो थाना पुलिस ने एफआइआर में शामिल कर दिया। साथ ही आरोपित से पूछताछ करके स्वजनों के हवाले कर दिया गया। इससे पहले शैक्षणिक दस्तावेज से आरोपित के नाबालिग होने की पुष्टि हो गई। वह साढ़े सोलह साल का है। नए मोटर व्हीकल एक्ट में यह प्रावधान है कि यदि चालक नाबालिग है फिर उसके माता-पिता के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी। दोनों से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई तेज की जाएगी।
सेक्टर-57 बीपीटीपी पार्क में परिवार सहित रहने वाले आलोक गुप्ता एक मल्टीनेशनल कंपनी में चीफ फाइनेंस ऑफिसर (सीएफओ) के पद पर कार्यरत थे। रविवार को वह अपने दोस्त सेक्टर-65 निवासी एमरेल्ड हिल्स निवासी बिल्डर राहुल मलिक के साथ उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा जा रहे थे। दोनों अपनी-अपनी हर्ले डेविडसन बाइक से थे।
डीएलएफ फेज दो इलाके में शंकर चौक की तरफ से आ रही तेज रफ्तार कार असंतुलित होकर दूसरी तरफ न केवल आई थी बल्कि आलोक गुप्ता की बाइक में टक्कर मार दी थी। बाइक गिरने से उन्हें काफी चोट लगी थी। उन्हें नजदीक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मामले की जब छानबीन शुरू की गई तो कार चालक नाबालिग निकला। उसके साथ बगल की सीट पर भी एक नाबालिग बैठा था। दोनों को भी चोट आई थी। उन्हें भी एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डीएलएफ फेज-दो थाना प्रभारी अमन का कहना है कि एफआइआर में आरोपित के माता-पिता का नाम शामिल कर लिया गया है। इधर, चश्मदीद का मानना है कि कार सवार दोनों नाबालिग शराब के नशे में धुत थे। कार की स्पीड इतनी अधिक थी कि सेकंड में तार फेंसिंग को तोड़ती हुई दूसरी तरफ जाकर बाइक से टकरा गई। हालांकि पुलिस शराब पीने की बात की पुष्टि नहीं कर रही है।
सख्त से सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए
हादसे के बाद से मृतक आलोक गुप्ता की पत्नी मिहिका गुप्ता का बुरा हाल है। वह किसी से अधिक बात नहीं कर पा रही हैं। अपने परिवारिक लोगों से केवल यही बात कह रही हैं कि आरोपित के साथ ही उसके माता-पिता के खिलाफ सख्त से सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। जो बच्चे इस तरह की हरकत करते हैं उन्हें जुवेनाइल के नजरिये से देखना उचित नहीं। जब तक इस तरह की हरकत करने वाले बच्चों को सजा नहीं मिलेगी तब तक कैसे समाज में सख्त संदेश जाएगा।
चेहरे से मुस्कुराहट कभी नहीं जाती थी
पीड़ित परिवार के नजदीकी व भाजपा प्रवक्ता रमण मलिक कहते हैं कि उनके बड़े भाई राहुल मलिक एवं आलोक गुप्ता की दोस्ती 30 साल से भी अधिक पुरानी। देहरादून में दोनों साथ-साथ पढ़ते थे। आलोक गुप्ता को बाइकिंग का शुरू से ही शौक है। वर्ष 2016 में उन्होंने हर्ले डेविडसन बाइक खरीदी थी। वे गोवा, शिमला, लखनऊ सहित कई जगह अक्सर बाइक से ही जाते-आते थे। जब उनके पास हर्ले डेविडसन नहीं थी तो भी वह अन्य बाइक से ही कहीं भी जाना पसंद करते थे।
वह बाइकर्स ब्रदरहुड के न केवल सदस्य थे बल्कि कहीं भी जाने पर गाइड की भूमिका में भी होते थे। अक्सर सबसे पीछे उनकी बाइक होती थी। आबादी वाले इलाकों में 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वह बाइक चलाते थे। हाईवे पर अधिक से 60 से 70 की स्पीड रहती थी। वैसे भी हर्ले डेविडसन बाइक आराम व मस्ती से चलाने के लिए लोग खरीदते हैं, रफ्तार की रोमांच के लिए नहीं। आलोक गुप्ता के चेहरे पर हर पल मुस्कुराहट रहती थी। वह कहते थे कि तनाव लेने से काम बनता नहीं बिगड़ता है। उनके दो बेटे हैं। एक 16 साल का व दूसरा 13 का। उनके पिता उत्तरप्रदेश शासन में अधिकारी रहे हैं। उनके दो बेटों में आलोक गुप्ता बड़े थे। अब आलोक गुप्ता को लौटाया नहीं जा सकता लेकिन आरोपित व उसके स्वजनों के खिलाफ इस तरह कार्रवाई होनी चाहिए जिससे कि आगे ऐसा हादसा न हो।
शोक सभा में दी गई श्रद्धांजलि
आलोेक गुप्ता के घर पर बुधवार को शोक सभा हुई जिसमें स्वजन , रिश्तेदार व पारिवारिक मित्र शामिल हुए। श्रद्धांजलि देने के बाद लोगों ने कहा इस मामले में पुलिस को जुवेनाइल देखकर नहीं बल्कि घटना के हिसाब से कार्रवाई करनी चाहिए।
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