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दिल्ली-NCR के 60000 मेट्रो यात्रियों को फिर मिली राहत, 1 महीने और चलेगी रैपिड रेल

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने डीएमआरसी को रैपिड मेट्रो का संचालन सौंपने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के दो जजों को जिम्मेदारी सौंपी है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 09:35 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 09:51 AM (IST)
दिल्ली-NCR के 60000 मेट्रो यात्रियों को फिर मिली राहत, 1 महीने और चलेगी रैपिड रेल
दिल्ली-NCR के 60000 मेट्रो यात्रियों को फिर मिली राहत, 1 महीने और चलेगी रैपिड रेल

चंड़ीगढ़/गुरुग्राम, जेएनएन। गुरुग्राम रैपिड मेट्रो रेल सेवा (Gurugram Rapid metro Rail service) का संचालन बाधित नहीं होगा। वर्तमान में सेवा प्रदान करने वाली कंपनी फिलहाल एक माह और इसका संचालन करेगी। इस अवधि के दौरान इसके संचालन का जिम्मा डीएमआरसी को सौंप दिया जाएगा। यहां पर बता दें कि गुरुग्राम शहर में रैपिड मेट्रो सेवाएं प्रत्येक सुबह 6 बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक चलती है। सभी ट्रेनों में तीन कोच हैं और यह 11 किलोमीटर का सफर तय करती है। 

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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (punjab and haryana high court) ने  दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) को रैपिड मेट्रो का संचालन सौंपने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के दो जजों को जिम्मेदारी सौंपी है।

इसके तहत जस्टिस वीके गुप्ता रेपिड मेट्रो व जस्टिस कैलाश हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से पूरी प्रकिया की निगरानी करेंगे। हाई कोर्ट ने कहा कि एक महीने के भीतर इस पूरी प्रकिया को पूरा किया जाएगा। रैपिड मेट्रो पर हुए खर्च को लेकर कैग द्वारा इसका ऑडिट किया जाए और ऑडिट के बाद जो रकम निकलेगी उसका भुगतान डीएमआरसी ही रैपिड मेट्रो को करेगी। अगर दोनों प्रतिवादियों को एक महीने के बाद भी कोई आशंका रहती है तो वह दोबारा हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर सकते हैं।

यहां पर बता दें कि मेट्रो सेवा आर्थिक संकट के कारण अपनी सेवा आगे जारी रखने में सक्षम नहीं हो पा रही है। वित्तीय संकट से जूझ रही रैपिड मेट्रो को चलाने वाली कंपनी आइएल एंड एफएस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने हरियाणा सरकार को लिखा था कि वह 9 सितंबर के बाद सेवा को जारी नहीं रख सकती है।

कंपनी ने रैपिड मेट्रो के अधिग्रहण के लिए भी हरियाणा सरकार को लिखा था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निर्देश देने की मांग की थी। रैपिड मेट्रो रेल सेवा में हुए खर्च को लेकर भी काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस मामले की जांच ईडी भी कर रही है और गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में भी एफआइआर दर्ज है।

गौरतलब है कि गुरुग्राम रैपिड मेट्रो रेल सेवा यानी रैपिड मेट्रो दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम शहर में संचालत होती है। यह भी एक तरह की मेट्रो प्रणाली है, जो तकरीब दिल्ली मेट्रो की तरह ही काम करती है। गुरुग्राम रैपिड मेट्रो वर्तमान में सिकंदरपुर  मेट्रो स्टेशन पर दिल्ली मेट्रो की येल लाइन के साथ इंटरचेंज प्रदान करती है। इस रैपिड मेट्रो का लाभ दिल्ली मेट्रो के यात्री भी उठाते हैं। रैपिड मेट्रो की कुल लंबाई 11.7 किलोमीटर है, जबकि इस रूट पर 11 मेट्रो स्टेशन हैं।

यहां पर यह भी जानकारी दे दें कि पूरी रैपिड मेट्रो प्रणाली के निर्माण के दौरान स्टैंडर्ड गेट ट्रैक का इस्तेमाल किया गया है। इसकी साथ यह मेट्रो पूरी तरह से एलिवेडेट है।  

गौरलतल  है कि रैपिड मेट्रो गुड़गांव लिमिटेड (Rapid Metro Gurgaon Limited) द्वारा बनाई गई यह प्रणाली दुनिया की पहली स्वपोषित प्रणाली है, जिसमें सरकार की कोई मदद नहीं है। कहने का मतलब इस योजना में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार या फिर किसी अन्य एजेंसी की कोई आर्थिक मदद नहीं है। 

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