UN Food Systems Summit: यूएन फूड सिस्टम समिट में होगी फूड सिक्योरिटी पर चर्चा, गुरुग्राम के एक्सपर्ट रखेंगे अपने विचार
UN Food Systems Summit सेक्टर-15 पार्ट-दो निवासी डा. जेएस यादव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि समिट का आयोजन यूनाइटेड नेशन एवं वर्ल्ड यूनियन आफ होलसेल मार्केट्स के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। कोरोना संकट को देखते हुए आनलाइन ही सभी प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। UN Food Systems Summit: पूरी दुनिया में फूड सिक्योरिटी को बढ़ावा देने के लिए आयोजित यूनाइटेड नेशंस फूड सिस्टम समिट-2021 में कृषि क्षेत्र के जाने माने विशेषज्ञ व वर्ल्ड यूनियन आफ होलसेल मार्केट्स के एशिया चैप्टर के निदेशक डा. जेएस यादव अपने विचार रखेंगे। समिट में लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए दुनिया के सभी देशों को कहा जाएगा। समिट का मुख्य उद्देश्य है लोगों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने पर जोर देना। स्कूलों में बच्चों को प्रतिदिन कुछ न कुछ पौष्टिक चीजें दी जाएं। उदाहरण स्वरूप अमेरिका के स्कूलों में प्रतिदिन बच्चों को एक-एक सेब दिया जाता है। इसी तरह ब्राजील में दूध से बने कुछ न कुछ उत्पाद दिए जाते हैं। भारत सहित कई देशों में इसके ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कोरोना संकट की वजह से आनलाइन भाग लेंगे सभी प्रतिनिधि
सेक्टर-15 पार्ट-दो निवासी डा. जेएस यादव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि समिट का आयोजन यूनाइटेड नेशन एवं वर्ल्ड यूनियन आफ होलसेल मार्केट्स के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। कोरोना संकट को देखते हुए आनलाइन ही सभी प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे। समिट कई दिनों तक चलेगा। 13 अप्रैल को वह एशिया का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार रखेंगे। वह सबसे अधिक स्कूलों में बच्चों से लेकर जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार किस तरह उपलब्ध कराई जाए, इसके ऊपर जोर देंगे। दुनिया के कुछ देशों में ही इस विषय के ऊपर जोर दिया जा रहा है।
आवश्यकता है फल एवं सब्जी भी उपलब्ध कराने की
उदाहरण स्वरूप भारत में फूड सिक्योरिटी के नाम पर केवल चावल एवं गेहूं देने पर जोर दिया जा रहा है। आवश्यकता है फल एवं सब्जी भी उपलब्ध कराने की। इस पर सीएसआर के माध्यम से बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है। कंपनियां सीएसआर का पैसा गैर सरकारी संगठनों यानी एनजीओ को उपलब्ध कराएं। आगे सभी एनजीओ जहां स्कूलों में बच्चों को फल व अन्य पौष्टिक चीजें बांटें वहीं जरूरतमंदों को भी नि:शुल्क या कम से कम कीमत पर फल एवं सब्जी उपलब्ध कराएं। देश के अधिकतर लोगों को पौष्टिक चीजें उपलब्ध ही नहीं हैं। कुछ प्रतिशत लोगों को ही सब कुछ नसीब है। ऐसे में फूड सिक्योरिटी का दायरा बढ़ाना होगा। सेब को ही लें। इसमें मिनरल्स, विटामिंस सहित कई पौष्टिक तत्व होते हैं। यदि कोई बच्चा प्रतिदिन एक सेब खाए तो वह कभी बीमार नहीं हो सकता है।