Move to Jagran APP

ग्रेप लागू होने से पहले बवाल, ईपीसीए के आदेश पर उद्योग जगत ने कहा- करोड़ों का होगा नुकसान

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण द्वारा डीजल ऑटो को लेकर जो आदेश जारी किए हैं उससे साइबर सिटी की हजारों औद्योगिक इकाइयों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।

By Edited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 07:41 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:11 PM (IST)
ग्रेप लागू होने से पहले बवाल, ईपीसीए के आदेश पर उद्योग जगत ने कहा- करोड़ों का होगा नुकसान
ग्रेप लागू होने से पहले बवाल, ईपीसीए के आदेश पर उद्योग जगत ने कहा- करोड़ों का होगा नुकसान

गुरुग्राम (यशलोक सिंह)। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा डीजल जनरेटर पर पांच महीने के प्रतिबंध को लेकर जारी आदेश से साइबर सिटी की हजारों औद्योगिक इकाइयों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। आदेश के अनुसार 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा जिसका असर उद्योगों के कामकाज पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा।

loksabha election banner

लगातार मिले बिजली

उद्यमियों का कहना है कि जब बिजली की घोषित या अघोषित कटौती होती है, तभी औद्योगिक इकाइयों में जनरेटर चलाया जाता है। यदि सरकार चाहती है कि डीजल जेनरेटर नहीं चले तो वह उद्योगों को बिजली की 24 घंटे अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित करे।

दिल्‍ली-एनसीआर में 15 अक्‍टूबर से लागू होगा ग्रेडेड रिस्‍पांस

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जाना तय किया गया है जो 15 मार्च तक लागू रहेगा। इस प्लान में चार अलग-अलग चरणों में वायु प्रदूषण से निपटने के प्रावधान हैं। इसके अंतर्गत डीजल जनरेटर को पूरी तरह से बंद किया जाएगा।

पावर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को दुरुस्‍त करने की जरूरत

गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि गुरुग्राम के उद्यमी पर्यावरण संरक्षण को लेकर उठाए जाने वाले हर सकारात्मक कदम का साथ देते रहे हैं। अगर डीजल जनरेटर के परिचालन पर प्रतिबंध लगाना ही है तो पहले पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है। अभी औद्योगिक क्षेत्रों बिजली आपूर्ति या इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा नहीं है कि बिना जेनरेटर के काम चल जाए।

15 अक्‍टूबर से डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध

हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लग जाएगा। उनका कहना है कि इस संबंध में मुख्यालय से आदेश भी आ चुका है। इसका मकसद हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखना है।

सर्वर में सप्‍लाई के लिए बिजली चाहिए 24 घंटे

आइटी कंपनियों को भी दिक्कत हाइटेक इंडिया के अध्यक्ष प्रदीप यादव का कहना है कि आइटी कंपनियों को अपने सर्वर को चालू रखने के लिए 24 घंटे बिजली की जरूरत होती है। यदि ऐसा नहीं हो तो एक झटके में कंपनियों को करोड़ों रुपयों का घाटा हो जाएगा। इन कंपनियों को अभी अबाधित बिजली नहीं मिलती है। किसी भी कंपनी ने यूपीएस बैकअप 15 से 20 मिनट से अधिक का नहीं होता। ऐसे में यहां जनरेटर चलाना मजबूरी है।

वायु प्रदूषण के मद्देनजर जनरेटर के इस्तेमाल को बेशक रोक दिया जाए मगर इससे पहले इंडस्ट्री को 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अभी औद्योगिक क्षेत्रों में घोषित या अघोषित तरीके से रोजाना काफी बिजली कटौती होती है। ऐसे में जनरेटर का इस्तेमाल उद्यमियों की मजबूरी है। यदि इस पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया तो बड़ा औद्योगिक संकट खड़ा हो जाएगा।

अनिमेश सक्सेना, अध्यक्ष, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

ऐसा लगता है कि डीजल जनरेटर को प्रतिबंधित करने का निर्णय ईपीसीए ने जल्दबाजी में लिया है। यदि उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले जनरेटर पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है तो इसका असर काफी नकारात्मक पड़ेगा। इस प्रकार के प्रतिबंध से पहले उद्योगों के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो सकता तो इस आदेश को वापस लिया जाए।

जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर चला सरकार का डंडा, लगा 1 करोड़ रुपये का जुर्माना

Facebook Live कर युवक ने दिल्‍ली के प्रेम नगर थाने में खुद को लगाई आग, देखें वीडियो

ग्रेप लागू होने से पहले बवाल, ईपीसीए के आदेश पर उद्योग जगत ने कहा- करोड़ों का होगा नुकसान

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.