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Scam: सहायक रजिस्ट्रार के बाद अब उप रजिस्ट्रार पर गिरी राज, पद से हटाए गए

सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चार अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 05:49 PM (IST)
Scam: सहायक रजिस्ट्रार के बाद अब उप रजिस्ट्रार पर गिरी राज, पद से हटाए गए
Scam: सहायक रजिस्ट्रार के बाद अब उप रजिस्ट्रार पर गिरी राज, पद से हटाए गए

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। दि गुड़गांव सहकारी विपणन समिति में 45 लाख रुपए का घोटाला सामने आने पर सहायक रजिस्ट्रार व निरीक्षक के निलंबन के बाद उप रजिस्ट्रार का तबादला कर दिया गया। सहकारी समितियां के उप रजिस्ट्रार बंसीलाल का तबादला भिवानी कर दिया गया है। भिवानी के उप रजिस्ट्रार सतीश रोहिल्ला को गुरुग्राम में उप रजिस्ट्रार लगाया गया है।

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इसके अलावा सफीदों के सहायक रजिस्ट्रार प्रशांत कुमार को बहादुरगढ़ और पानीपत के सहायक रजिस्ट्रार बिजेंद्र सिंह को फिरोजपुर झिरका में सहायक रजिस्ट्रार भेजा गया है।

सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चार अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। दि गुड़गांव सहकारी विपणन समिति में 45 लाख रुपए का घोटाला सामने आने पर बृहस्पतिवार को सहकारी समितियां के सहायक रजिस्ट्रार ऋषि कुमार व समिति में परिसमापक के रूप में तैनात निरीक्षक अरविंद  कुमार को निलंबित कर दिया गया था। शुक्रवार को सहकारी समितियां के उप रजिस्ट्रार बंसीलाल का तबादला भिवानी कर दिया गया है। भिवानी के उप रजिस्ट्रार सतीश रोहिल्ला को गुरुग्राम में तैनात किया गया है।

सतीश रोहिल्ला इससे पहले गुरुग्राम में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर भी तैनात रह चुके हैं। सहायक रजिस्ट्रार ऋषि कुमार के निलंबन के बाद फिलहाल गुरुग्राम में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर किसी को तैनात नहीं किया गया है।

बता दें कि दि गुड़गांव सहकारी विपणन समिति लिमिटेड की जमीन अतुल कटारिया चौक पर है। इस जमीन को किराए पर दिया गया है। समिति करीब 10 साल से परिसमापनाधीन (लिक्विडेशन की प्रक्रिया में) है, यानी इस समिति का कोई प्रबंधन नहीं है। ऐसी स्थिति में सहकारी समितियां कार्यालय की तरफ से निरीक्षक स्तर के अधिकारी को परिसमापक नियुक्त कर दिया जाता है। अरविंद कुमार को परिसमापक बनाया गया। आरोप है कि इस दौरान अरविंद ने समिति के खाते में जमा 43 लाख रुपया अपने और दूसरी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। ऑडिट के लिए जब रिकॉर्ड मांगा गया तो फर्जी रिकॉर्ड दिखा कर ऑडिट भी करा लिया, जिसमें इस राशि के निकालने का कोई जिक्र नहीं किया गया। 

सहकारी समितियां कार्यालय को जब इस घोटाले की भनक लगी, तो अरविंद कुमार को नोटिस देकर जवाब मांगा गया। उस पर भी अरविंद ने कोई जवाब नहीं दिया। सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार ऋषि गुप्ता ने इस मामले की 30 जून 2019 को सिविल लाइन थाना में एफआइआर दर्ज कराई थी।


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