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रिश्वत कांड: सभी दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर गिरेगी गाज: मुख्यमंत्री

दिल्ली के काल सेंटर संचालक से रिश्वत मांगने के मामले में जो भी कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल होंगे सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह संकेत मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने शुक्रवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिया।

By Edited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 09:09 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:43 PM (IST)
रिश्वत कांड:  सभी दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों  पर गिरेगी गाज: मुख्यमंत्री
हेड कांस्टेबल पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है।

गुरुग्राम, आदित्‍य राज। दिल्ली के काल सेंटर संचालक से रिश्वत मांगने के मामले में जो भी कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल होंगे, सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह संकेत मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने शुक्रवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक कौन-कौन कर्मचारी या अधिकारी मामले में शामिल हैं, यह कहा नहीं जा सकता। मामले में हेड कांस्टेबल पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है।

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रिश्वत कांड के दौरान खेड़कीदौला थाने के प्रभारी रहे इंस्पेक्टर विशाल के फरार होने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। गत वर्ष 28 दिसंबर की रात फरीदाबाद विजिलेंस की टीम ने खेड़कीदौला थाने में तैनात हेड कांस्टेबल अमित को पांच लाख रुपये की रिश्वत दिल्ली के काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी से लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। पूछताछ में अमित ने स्वीकार किया कि कि वह थाना प्रभारी विशाल के कहने पर पैसे लेने पहुंचा था।

छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने से पहले काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी, उनके साले गुरबक्श एवं ड्राइवर ललित को बंधक बनाकर पहले 57 लाख रुपये लिए गए थे। बाद में लैपटाप लौटाने के नाम पर 10 लाख रुपये की और मांग की जा रही थी। परेशान होकर भूटानी ने विजिलेंस में शिकायत कर दी थी। मामला सामने के बाद हेड कांस्टेबल अमित के साथ ही थाना प्रभारी विशाल को भी निलंबित कर दिया गया लेकिन निलंबन के आठ दिन बाद भी विशाल पकड़ में नहीं आया है। इधर, दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। जांच की जिम्मेदारी सहायक पुलिस आयुक्त अशोक कुमार को दी गई है। मामले पर मुख्यमंत्री की विशेष नजर रिश्वत कांड के ऊपर मुख्यमंत्री मनोहरलाल की विशेष नजर है। इसका अंदाजा शुक्रवार शाम मीडिया से बातचीत में दिख गया। सवाल सामने आते ही उन्होंने कहा कि रिश्वत के रूप में पहले 57 लाख रुपये लेने की बात सामने आई है। बाद में पांच लाख रुपये लेते हुए हेड कांस्टेबल गिरफ्तार किया गया।

मुख्यमंत्री के जवाब से साफ है कि मामले में जो भी शामिल हैं, सभी के ऊपर गाज गिरनी तय है। सरकार को कोई खतरा नहीं बताया जाता है कि विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि कुछ महीने में प्रदेश की सरकार गिर जाएगी। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं। कुछ लोग दिन में ही सपने देखते हैं। रात के सपने तो पूरे हो जाते हैं लेकिन दिन के सपने पूरे नहीं होते।

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