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अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन विभाग की तैयारी से फार्म हाउसों के मालिकों की उड़ी नींद

वन विभाग के रेंज ऑफिसर कर्मवीर मलिक ने बताया कि छह नवंबर को अदालत में सुनवाई है। इसमें विभाग द्वारा पूरी मजबूती से अपना पक्ष रखा जाएगा। इधर एनजीटी के आदेशानुसार वन भूमि पर बनाए गए सभी फार्म हाउसों को ध्वस्त करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 06:15 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 06:15 PM (IST)
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन विभाग की तैयारी से फार्म हाउसों के मालिकों की उड़ी नींद
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन भूमि: जागरण

गुरुग्राम (आदित्य राज)। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउसों को ध्वस्त किए जाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इससे परेशान कुछ फार्म हाउसों के मालिकों ने जिला अदालत में अर्जी डाल दी है। इस पर छह नवंबर को सुनवाई होगी। जानकारों का मानना है कि अदालत से राहत मिलने की उम्मीद न के बराबर है क्योंकि वन भूमि पर गैर वानिकी कार्य करने पर प्रतिबंध है। वैसे भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशानुसार वन विभाग ने फार्म हाउसों को ध्वस्त करने की तैयारी की है।

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गत अगस्त महीने के दौरान एनजीटी ने आदेश जारी कर कहा है कि 31 जनवरी तक वन भूमि पर बनाए गए सभी फार्म हाउसों को ध्वस्त किया जाए। आदेशानुसार वन विभाग ने सबसे पहले फार्म हाउसों का सर्वे किया। सर्वे में वन भूमि पर लगभग 100 फार्म हाउस बनाए जाने की जानकारी सामने आई है। सभी फार्म हाउसों के मालिकों को तोड़फोड़ किए जाने के बारे में नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। इसे देखते हुए कुछ फार्म हाउस मालिकों ने अदालत में अर्जी डाल दी है। इस बारे में अरावली आंदोलन के सूत्रधार व सेवानिवृत्त वन संरक्षक डा. आरपी बालवान कहते हैं कि एनजीटी के आदेश के बारे में वन विभाग जिला अदालत को पूरी जानकारी दे।

जानकारी मिलते ही जिला अदालत अर्जी को रद कर देगी क्योंकि एनजीटी के आदेश की सुनवाई जिला अदालत में नहीं हो सकती। सबसे बड़ी बात यह है कि जहां पर भूमि संरक्षण अधिनियम लागू है वहां पर गैर वानिकी कार्य हो नहीं सकता। ऐसे में वन भूमि पर बनाए गए सभी फार्म हाउस अवैध हैं। फार्म हाउसों के मालिक कहीं भी चले जाएं, उन्हें राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।

वन विभाग के रेंज ऑफिसर कर्मवीर मलिक ने बताया कि छह नवंबर को अदालत में सुनवाई है। इसमें विभाग द्वारा पूरी मजबूती से अपना पक्ष रखा जाएगा। इधर, एनजीटी के आदेशानुसार वन भूमि पर बनाए गए सभी फार्म हाउसों को ध्वस्त करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

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