अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को गुरुग्राम अदालत ने किया तलब, फर्जी खबर चलाने का लगा आरोप
चीनी कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को सिविल जज सोनिया श्योकंद की अदालत ने समन जारी किया है। समन कंपनी के ही पूर्व कर्मी की अर्जी पर सुनवाई के बाद जारी हुआ है।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के रूप में शुमार चीनी कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को सिविल जज सोनिया श्योकंद की अदालत ने समन जारी किया है। समन कंपनी के ही पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर पुष्पेंद्र सिंह परमार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया है। परमार का आरोप है कि एप पर फर्जी खबर देखकर उन्होंने जब आपत्ति जाहिर की तो उन्हें गलत तरीके से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
यूसी वेब के पूर्व कर्मचारी की याचिका पर जारी हुआ समन
अलीबाबा के यूसी वेब के पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र सिंह परमार द्वारा गुरुग्राम की अदालत में 20 जुलाई को अर्जी दाखिल की गई थी। इस पर अदालत ने कंपनी के संस्थापक जैक मा सहित 10 अधिकारियों के खिलाफ समन जारी करते हुए पेश होने के लिए कहा है या फिर कंपनी 29 जुलाई को वकील के माध्यम से दस्तावेज दिखाए।
समन के मुताबिक 30 दिनों के अंदर देना होगा जवाब
समन के मुताबिक 30 दिनों के भीतर आरोपितों को अपना लिखित जवाब देना होगा। गुरुग्राम के यूसी वेब कार्यालय में एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में काम करने वाले पुष्पेंद्र सिंह परमार ने हर्जाने के रूप में दो करोड़ रुपये (लगभग) की मांग की है।
पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर के आरोप
वर्ष 2017 के दौरान एक पोस्ट डालकर कहा गया था कि आज आधी रात से 2000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। 2018 के दौरान एक पोस्ट की हेडलाइन थी : अभी-अभी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है। देशों के बीच सीमा पर गोलीबारी की बात कही गई थी जबकि भारत ने न ही दो हजार रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाया और न ही वर्ष 2018 के दाैरान भारत-पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध हुआ था।
चीनी कंपनी कर रही कर्मचारियों की छंटनी
एनालिटिक्स फर्म सेंसर्स टॉवर के आंकड़ों के मुताबिक भारत में यूसी ब्राउजर को कम से कम 689 मिलियन बार डाउनलोड किया गया था, जबकि यूसी न्यूज 79.8 मिलियन डाउनलोड किए गए थे। अधिकतर डाउनलोड वर्ष 2017 से 2018 के दौरान किए गए थे। सुरक्षा कारणों से भारत ने अलीबाबा के यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर और 59 अन्य चीनी एप्स के ऊपर प्रतिबंध लगा रखा है। बताया जाता है कि प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से यूसी वेब ने भारत में कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है।