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एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसायटी मामले में तीन निदेशकों को चार्जशीट किया गया

यहां के सेक्टर 37डी में बनाई गई एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसायटी के घटिया निर्माण मामले में केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय की तरफ से सरकारी उपक्रम एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन) के तीन निदेशकों के खिलाफ चार्जशीट जारी की गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 08:10 PM (IST)
एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसायटी मामले में
तीन निदेशकों को चार्जशीट किया गया
एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसायटी मामले में तीन निदेशकों को चार्जशीट किया गया

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: यहां के सेक्टर 37डी में बनाई गई एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसायटी के घटिया निर्माण मामले में केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय की तरफ से सरकारी उपक्रम एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन) के तीन निदेशकों के खिलाफ चार्जशीट जारी की गई है। साथ ही इस मामले की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग को सौंपी गई है। यह बात सोसायटी के निवासी मयंक यादव द्वारा लगाई गई आरटीआइ के जवाब में सामने आई।

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मयंक ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय से आरटीआइ के माध्यम से पूछा था कि क्या मंत्रालय को एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसायटी की स्थिति की जानकारी हैं। मंत्रालय से जवाब दिया गया कि उनके पास इस मामले की पूरी जानकारी हैं और इस प्रकरण में एनबीसीसी के तीन निदेशकों को चार्जशीट किया गया है। चूंकि कंपनी का अलग प्रबंधन हैं तो मंत्रालय सीधे कंपनी के कार्यो में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। लेकिन कंपनी को हाउसिंग सोसायटी की स्थिति सुधार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

मंत्रालय की तरफ से दिए जवाब में यह भी बताया गया हैं कि एनबीसीसी ग्रीनव्यू की रेजिडेंट एसोसिएशन की तरफ से तीन शिकायतें मिली थीं। इसके अतिरिक्त 134 आवंटियों ने निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल होने की शिकायत दी है। इस मामले में एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड से जवाब तलब किया है। जवाब में यह भी कहा कि इस मामले की जांच सतर्कता यूनिट को सौंपी गई है।

अपार्टमेंट एसोसिएशन के प्रधान रणधीर सिंह का कहना है कि चार साल पहले ही फ्लैटों का कब्जा मिला है। कंपनी हमारे फ्लैटों की राशि 15 प्रतिशत ब्याज, 25 लाख मुआवजा और फ्लैट के अंदर खर्च किए गए इंटीरियर के पैसों का आकलन कर वापस करे। सोसायटी के लोग घटिया निर्माण कार्य के कारण डर के साये में जीने को मजबूर हैं। बता दें कि इस पूरे प्रकरण के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिग के डीटीपी प्लानिग संजय कुमार ने भी एनबीसीसी कंपनी को हरियाणा में ब्लैकलिस्ट करने के लिए महानिदेशक को सिफारिश भेजने का फैसला किया है।

पूरा मामला एक नजर में:

टाउन एंड कंट्री प्लानिग विभाग ने एनबीसीसी कंपनी को गुरुग्राम के सेक्टर-37 डी में बहुमंजिला सोसायटी विकसित करने का लाइसेंस दिया था। इस सोसायटी में कुल 784 फ्लैट हैं और 2017 में लोगों को फ्लैटों के कब्जे दिए गए। चार साल के भीतर जब सोसायटी के फ्लैटों में प्लास्टर गिरना शुरू हुआ तो लोगों ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए । जब विरोध बढ़ा तो एनबीसीसी की तरफ से आइटीआइ दिल्ली से इसका स्ट्रक्चर आडिट कराया गया और बीते साल कंपनी ने खुद ही माना कि इमारत रहने लायक नहीं है। इसके बाद कंपनी प्रबंधन की तरफ से लोगों को बिल्डिग खाली करने के लिए नोटिस भेजने शुरू कर दिए गए। लेकिन निवासियों ने इस तरीके पर आपत्ति की और उन्होंने विरोध शुरू कर दिया।


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