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बढ़ती जा रही हैं एमएसएमई क्षेत्र की चुनौतियां

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण उद्योग जगत की हालत बहुत खराब है। विशेष रूप से माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की आर्थिक स्थिति असंतुलन की शिकार हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 07:23 PM (IST)
बढ़ती जा रही हैं एमएसएमई क्षेत्र की चुनौतियां
बढ़ती जा रही हैं एमएसएमई क्षेत्र की चुनौतियां

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण उद्योग जगत की हालत बहुत खराब है। विशेष रूप से माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की आर्थिक स्थिति असंतुलन की शिकार हो गई हैं। एनसीआर चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष एचपी यादव का कहना है कि इस क्षेत्र की कई कंपनियों का कारोबार बंद हो चुका है। कुछ अन्य बंदी के कगार पर खड़ी हैं। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए ऋण स्थगन की अविध के समाप्त होने के बाद बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा इन कंपनियों पर किश्त व ब्याज की वसूली के लिए दबाव बढ़ाया जाएगा। जो उद्योग जगत के हित में नहीं हैं।

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एचपी यादव का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से सभी लघु व मध्यम उद्योग अपने अस्तित्व को बचाने को लेकर प्रयासरत हैं। ऐसे में ऋण स्थगन अवधि का समाप्त होना किसी आपदा से कम नहीं है। गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह ऋण स्थगन की अविध को छह माह और बढ़ाए। चैंबर ने भारतीय रिजर्व बैक, वित्त मंत्रालय, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय को पत्र लिखकर जानकारी मांगी कि एमएसएमई को त्वरित कर्ज मुहैया कराने को लेकर वह क्या कदम उठा रही है मगर अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है।


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