यशलोक सिंह, गुरुग्राम
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) रिफंड के मामले में उद्यमियों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसे लेकर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा ऑनलाइन रिफंड प्रक्रिया की घोषणा की गई है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि रिफंड के वास्ते आवेदन करने के लिए उद्यमियों व कारोबारियों को सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वह घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यही नहीं आवेदन संबंधी किसी किसी प्रकार का जो संवाद संबंधित और उद्यमी के बीच होगा, वह भी ऑनलाइन ही होगा।
साइबर सिटी के उद्यमियों का कहना है कि यदि यह व्यवस्था परवान चढ़ी तो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में यह बहुत बड़ा कदम होगा। वर्तमान में उद्यमियों को जीएसटी रिफंड पाने के लिए लगातार परेशान होना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में रिफंड आज भी पेंडिग हैं। उद्यमियों का कहना है कि सरकार की ओर से जीएसटी को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाई गई है। दिक्कत इससे संबंधित अधिकारियों के रवैये से हो रही है। अब जबकि रिफंड की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है तो यह माना जा सकता है कि भविष्य में कोई दिक्कत नहीं होगी।
नई व्यवस्था के जरिए रिफंड पाने के लिए उद्यमियों को आरएफडी फार्म-01 ऑनलाइन भरना होगा। इसके बाद जो भी प्रक्रिया होगी, वह सभी कुछ ऑनलाइन होगी। इससे पहले केंद्रीय एवं राज्य कर विभागों के लेखा अधिकारियों द्वारा अलग-अलग तरीके से रिफंड के मामले को देखा जाता था। इस कारण इनके अनुमोदन में देरी होती थी। नई प्रणाली द्वारा इसके लिए सिगल ऑनलाइन सिस्टम कर दिया गया है। अब करदाता के बैंक खाते में रिफंड की यह राशि सीधे जमा करा दी जाएगी।
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जीएसटी रिफंड को लेकर जो नई ऑनलाइन व्यवस्था घोषित की गई है, उससे उद्योग जगत को बड़ी राहत मिलेगी। किसी को जीएसटी रिफंड के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके अंतर्गत सभी कुछ ऑनलाइन कर दिया गया है। निश्चित रूप से यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया बड़ा कदम है। जो अत्यंत सराहनीय है।
-विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
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