लॉकडाउन खत्म होने के बाद मैनपावर की कमी की आशंका
शहर व आसपास के इलाकों से प्रवासी श्रमिकों के अपने गांव लौटने का सिलसिला जारी है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
शहर व आसपास के इलाकों में कार्यरत दूसरे राज्यों के निवासियों का अपने गांव लौटने का सिलसिला जारी है। प्रशासन व सामाजिक संगठनों द्वारा समझाने के बाद भी वे रुकने को तैयार नहीं हैं। उनका एक ही सवाल है कि राशन तो मिल जाएगा, लेकिन घर का किराया व दूसरे खर्च कौन उठाएगा। न केवल निर्माण क्षेत्र व अन्य असंगठित क्षेत्रों से जुड़े श्रमिक बल्कि औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक भी सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल चुके हैं। ऐसी स्थिति में लॉकडाउन खत्म होते ही हर क्षेत्र में मैनपावर की भारी कमी होने की आशंका है।
कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन की वजह से आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं से संबंधित सभी प्रतिष्ठान व कार्य बंद हैं। लोगों को आशंका है कि लॉकडाउन जैसी स्थिति 14 अप्रैल तक नहीं बल्कि अगले एक से दो महीने तक बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में वे किराया कहां से देंगे? इसी चिता ने उन्हें अपने गांव जाने के लिए मजबूर कर दिया है। हालांकि इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो हर साल फसल की कटाई के दौरान एक से डेढ़ महीने के लिए अपने गांव जाते ही हैं।
सेक्टर-37 इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन दीपक मैनी कहते हैं कि लॉकडाउन होते ही श्रमिक अपने घर को न जाएं, इसके लिए प्लान बनाना चाहिए था। समय रहते श्रम विभाग के साथ ही जिला प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। यदि 15 मई को लॉकडाउन खत्म भी हो जाता है फिर भी व्यवस्था तब तक पटरी पर नहीं लौटेगी जब तक आवश्यकतानुसार मैन पावर उपलब्ध नहीं होगी।
. श्रमिकों को मकान मालिक रोक सकते हैं
गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से पैदल अपने गांव जा रहे लोगों की सेवा में जुटे गांव ग्वालपहाड़ी निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह कहते हैं कि अधिकतर लोग घर के किराये के बोझ के कारण जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इनके मकान मालिक अगले दो महीने तक किराया नहीं लेने की घोषणा कर दें, तो ये लोग रुक जाएंगे। लोगों को समझना चाहिए कि इस समय अपनी जगह को छोड़ना ठीक नहीं। कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। जहां तक नुकसान की बात है, जो लोग जा रहे हैं उनके लौटने में समय लगेगा। इससे मैन पावर की कमी आ सकती है। वैसे उम्मीद है कि जैसे ही काम शुरू होगा, सभी वापस आ जाएंगे।
-एनके मिडा, सीमएडी, मिडा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज। पूरी उम्मीद है कि लॉकडाउन खत्म होने के 10 से 15 दिन के भीतर सभी श्रमिक लौट आएंगे। यदि वे लौटने में देरी करेंगे वैसी स्थिति में लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी व्यवस्था पटरी पर आने में समय लग जाएगा। मेरी सभी श्रमिकों से अपील है कि वे घर न लौटें। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका रहेगी।
-योगेश मुंजाल, सीएमडी, मुंजाल शोवा इंडिया लिमिटेड।