सोहना नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों और संसाधनों का अभाव, मरीज होते हैं परेशान
सोहना के नागरिक अस्पताल में चिकित्सक से लेकर स्वास्थ्य संसाधनों का अभाव है जिससे लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। बीमारी की छोटी से छोटी जांच तक के लिए मरीजों को निजी लैब में जाना पड़ता है।
सतीश राघव, सोहना
सोहना के नागरिक अस्पताल में चिकित्सक से लेकर स्वास्थ्य संसाधनों का अभाव है जिससे लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। बीमारी की छोटी से छोटी जांच तक के लिए मरीजों को निजी लैब में जाना पड़ता है। जनता अस्पताल को अपग्रेड किए जाने की मांग वर्षों से कर रही है। हालांकि, 2018 में अस्पताल के 30 बेड की क्षमता को बढ़ाकर 50 बेड किए जाने की घोषणा तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने की थी, मगर तीन साल बीत जाने के बाद भी यह घोषणा महज घोषणा ही है। अस्पताल में न तो संसाधन बढ़े ओर न ही चिकित्सक मिले। 23 अक्टूबर को गांव सरमथला में मुख्यमंत्री द्वारा अस्पताल की क्षमता बढ़ाकर सौ बेड करने की घोषणा की गई है। इससे शहर के लोग काफी खुश हैं। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी हुई तो लोगों को स्वास्थ संसाधन के साथ बेहतर स्वास्थ सुविधा मिल सकेगी।
बता दें कि 40 वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने इस तीस बेड अस्पताल की आधारशिला रखी थी। इतना अरसा बीत जाने के बाद इस अस्पताल में सुविधाओं ने इजाफा नहीं हुआ। जबकि चार दशकों में सोहना क्षेत्र की कई गुना आबादी बढ़ गई है।
अस्पताल में मौजूदा संसाधनों की स्थिति
- 50 बेड अस्पताल में प्रबंधन के मुताबिक दो वरिष्ठ चिकित्सक के पद हैं, लेकिन महज एक ही वरिष्ठ चिकित्सक की नियुक्ति की गई है।
- 11 मेडिकल आफिसर के पद हैं जिनमें से दो पद खाली हैं और तीन अनुपस्थित चल रहे हैं।
- 17 स्टाफ नर्स के पद निर्धारित हैं जिनमें से 12 पद रिक्त हैं। महज पांच नर्स कार्यरत हैं।
- 2 पद हैं नर्सिंग सिस्टर के जिनमें एक पद खाली है।
- 3 पद हैं फार्मेसिस्ट का मगर दो पद खाली हैं।
- 4 पद हैं लैब तकनीशियन के, लेकिन चारों पद खाली हैं।
- 2 पद हैं रेडियोग्राफर के ओर दोनों खाली हैं।
100 बेड अस्पताल होने पर ये मिलेगा फायदा
वरिष्ठ चिकित्सक के तीन पद होंगे। इसके साथ ही दो पद उप अधीक्षक के होंगे, यानी वरिष्ठ चिकित्सक के कुल पांच पद होंगे। मेडिकल आफिसर के 42 पद होंगे। तीन डेंटल पद जिनमें एक सीनियर डेंटल का पद होगा। दो फीजियोथेरेपी, पांच नर्सिंग स्टाफ, 38 स्टाफ नर्स, एक सीनियर सहित आठ फार्मासिस्ट, पांच रेडियोग्राफर, आंखों की जांच के लिए दो विशेषज्ञ चिकित्सक रखे जाने के साथ ही संसाधन बढ़ाए जाएंगे।
सोहना का सरकारी अस्पताल सफेद हाथी बन कर रह गया है। यहां किसी तरह की सुविधा नहीं हैं। न दवा है और न ही इलाज करने वाले चिकित्सक। मुख्यमंत्री की घोषणा से अब उम्मीद जगी है।
- राजेश राघव अस्पताल में वर्षों से स्वास्थ सुविधा के कमी है। लोगों को इलाज के लिए या तो निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। खून तक की जांच नही होती एक्सरे मशीन हैं पर रेडियोग्राफर तक नहीं हैं।
-दिनेश गुप्ता लोगों का सरकारी अस्पताल से विश्वास उठता जा रहा था। 23 अक्टूबर को विधायक संजय सिंह की मांग पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने मंजूरी देकर क्षेत्र की जनता को को सौगात दी हैं।
-देवेंदर राघव सोहना के नागरिक अस्पताल के अपग्रेड की बहुत आवश्यकता थी हम पहले ही अस्पताल के अपग्रेड के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। यहां भवन भी पर्याप्त है।
-नवल किशोर, वरिष्ठ चिकित्सक