कोरोना संकट काल में घर में ही मनाएं त्योहार
भारत पर्व व त्यौहारों का देश है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: भारत पर्व व त्योहारों का देश है। सभी धर्म के लोग किसी भी पर्व को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस सप्ताह शुक्रवार हिदू एवं मुस्लिम दोनों समुदाय के लिए विशेष दिन है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान के महीने का अंतिम शुक्रवार है वहीं हिदुओं की वट सावित्री पूजा है। दोनों को मनाने के लिए सदियों से श्रद्धालु जगह-जगह एकत्र होते रहते हैं लेकिन इस बार कोरोना संकट की वजह से ऐसा करना खतरनाक साबित होगा।
अगर लोग एकत्रित होकर पर्व-त्यौहार मनाएंगे तो कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। इसे देखते हुए दोनों समुदायों के प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि सभी हिदू अपने घर में ही वट सावित्री की पूजा करें। इसी तरह मुस्लिम समुदाय के लोग भी अपने घर में ही नमाज पढ़ें। यही इस समय राष्ट्रहित में है।
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भारत में विभिन्न धर्म व संप्रदाय के लोग रहते हैं लेकिन सभी की संस्कृति एक ही है। पूजा करने की पद्धति अलग-अलग हो सकती है लेकिन राष्ट्रीयता एक ही है। ऐसे में सभी धर्म व संप्रदाय के लोगों का कर्तव्य बनता है कि जो राष्ट्रहित में है वही काम करें। इस समय लॉकडाउन का पालन करना ही सबसे बड़ा राष्ट्रधर्म है। कोई भी पर्व या त्यौहार हो, लोग अपने घरों में ही मनाएं। बाहर न निकलें। वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण एक-दूसरे से फैलता है। इसे सभी को ध्यान में रखना होगा।
स्वामी धर्मदेव, महामंडलेश्वर व अधिष्ठाता, पटौदी स्थित श्री हरिमंदिर
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वट सावित्री पूजा का हिदू धर्म में काफी महत्व है। अधिकतर महिलाएं इसे करती हैं। सदियों से यह पूजा काफी महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर करती आ रही हैं। यदि इस समय एक जगह एकत्रित होकर पूजा करेंगी तो कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसे देखते हुए सभी अपने घरों में ही पूजा करें। कहीं भी बाहर बरगद के पेड़ के नीचे एकत्रित होने की आवश्यकता नहीं है। इस समय घरों में रहकर ही पूजा करना राष्ट्रहित में है।
रामअवतार गर्ग बिट्टू, महासचिव, श्री सिद्धेश्वर मंदिर सभा
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इस समय पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से परेशान है। ऐसी स्थिति में सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना है जिससे कि कोरोना का संक्रमण बढ़े। कोरोना का संक्रमण न बढ़े इसके लिए शारीरिक दूरी का ध्यान रखना आवश्यक है। घरों से बाहर निकलने से पहले मास्क पहनना आवश्यक है। ऐसे समय में कहीं भी एकत्रित होकर नमाज पढ़ना उचित नहीं होगा। सभी लोग घर में ही नमाज पढ़ें। यही राष्ट्रहित में है।
जान मोहम्मद, इमाम, जामा मस्जिद, सोहना चौक
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सबसे ऊपर राष्ट्र है। हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह राष्ट्र की चिता करे। इस समय सबसे बड़ी जिम्मेदारी है लॉकडाउन का सम्मान करना। वैश्विक महामारी कोरोना को हराने के लिए शारीरिक दूरी का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में नमाज घरों के भीतर ही पढ़ें। रमजान का महीना आत्मविश्लेषण करने का महीना है। कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे कि दूसरे को परेशानी हो। राष्ट्र को संकट से उबारने में सभी योगदान दें।
मुफ्ती मोहम्मद सलीम, अध्यक्ष, जमीयत-ए-उलेमा हिद, गुरुग्राम