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जल व पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ डेंगू- मलेरिया नियंत्रण के भी किए उपाय

गुरुग्राम में खास तौर नए विकसित हो रहे शहर के लोग भविष्य के गुरुग्राम को बेहतर बनाने के लिए नये तरीके अपना रहे हैं। सोसायटी के स्तर पर ये प्रयास दूसरों के लिए भी नजीर बन रहे हैं। आमतौर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के शोधित जल को लेकर कोई योजना नहीं होती है मगर इसे योजनाबद्ध तरीके प्रयोग कर उसके कई फायदे लिए जा सकते हैं यह सेक्टर 92 स्थित सारे होम्स के लोगों ने साबित किया है। इस सोसायटी में पहले दो छोटे-छोटे कृत्रिम तालाब बनाए गए थे। जिसमें सोसायटी के एसटीपी से शोधित अतिरिक्त पानी को डालकर भूजल संरक्षण का काम किया जाता था। पिछले दिनों इस सोसायटी के लोगों तीसरा कृत्रिम तालाब भी बनाया है। इन तीनों तालाबों में एसटीपी का अतिरिक्त पानी पाइप के सहारे जाता है। इनकी भूजल संरक्षण की क्षमता औसतन 100 केएलडी (किलो लीटर पर डे) है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:18 AM (IST)
जल व पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ डेंगू- मलेरिया नियंत्रण के भी किए उपाय
जल व पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ डेंगू- मलेरिया नियंत्रण के भी किए उपाय

पूनम, गुरुग्राम

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गुरुग्राम में खास तौर नए विकसित हो रहे शहर के लोग भविष्य के गुरुग्राम को बेहतर बनाने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। सोसायटी के स्तर पर ये प्रयास दूसरों के लिए भी नजीर बन रहे हैं। आमतौर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के शोधित जल को लेकर कोई योजना नहीं होती है मगर इसे योजनाबद्ध तरीके से प्रयोग कर उसके कई फायदे लिए जा सकते हैं, यह सेक्टर 92 स्थित सारे होम्स के लोगों ने साबित किया है।

इस सोसायटी में पहले दो छोटे-छोटे कृत्रिम तालाब बनाए गए थे। जिसमें सोसायटी के एसटीपी से शोधित अतिरिक्त पानी को डालकर भूजल संरक्षण का काम किया जाता था। पिछले दिनों इस सोसायटी के लोगों ने तीसरा कृत्रिम तालाब भी बनाया है। इन तीनों तालाबों में एसटीपी का अतिरिक्त पानी पाइप के सहारे जाता है। इनकी भूजल संरक्षण की क्षमता औसतन 100 केएलडी (किलो लीटर पर डे) है। इस पानी में पिछले दिनों गंबूजिया मछली डाली गई। यह मछली मच्छरों के लार्वा खा जाती है। पानी में डेंगू और मलेरिया के मच्छरों के लार्वा विकसित नहीं हो, इसलिए यह गंबूजिया मछली इसमें डाली गई है। इन तालाबों में पानी में विकसित होने वाले ऐसे पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे पानी साफ रहे, तालाब के तल पर काई नहीं जमे जिससे भूजल संरक्षण में रुकावट आए।

सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष प्रवीण मलिक बताते हैं कि सोसायटी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित जल को बागवानी के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है मगर शोधित जल इसके बाद भी बच जाता है। कुछ पानी सफाई के लिए भी प्रयोग किया जाता रहा है। कुछ प्रदूषण से बचाव के लिए छिड़काव के काम आ रहा था। मगर फिर भी पानी बच रहा था। करीब 500 केएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट में रोजाना करीब 400 केएलडी पानी शोधित होता है। बचे हुए पानी का प्रयोग भूजल संरक्षण करने के लिए हमने ग्रीन बेल्ट पर पहले दो छोटे तालाब बनाए और फिर उसके साथ एक बड़ा तालाब बनाया है। उसके आस-पास पेड़-पौधे लगाए। 52 एकड़ के सारे होम्स सोसायटी में करीब चार हजार फ्लैट हैं जिनमें फिलहाल 1200 फ्लैटों में लोग रह रहे हैं।

एसटीपी से शोधित पानी को पाइप लाइन तालाब से जोड़ा गया है। पिछले दिनों सोसायटी के सामने के ग्रीन बेल्ट के पास तालाब करीब 15 फुट लंबा, 10 फुट चौड़ा और करीब छह फुट गहरा है। इसकी निचली सतह पर कंकर और छोटे पत्थर डाले गए हैं। दूसरा तालाब भी लगभग इतना बड़ा ही बना गया है। दोनों तालाबों के चारों और मिट्टी से मेड़ बनाई गई है। सुरक्षा के लिए चारों ओर से घेरा गया है ताकि कोई बच्चा या जानवर इसमें गिर न सके। तीसरा तालाब 30 बाई 15 फीट का बनाया गया है, जो छह फीट गहरा है। इन तीनों में पानी वाले पौधे लगाए जा रहे हैं। गंबूजिया मछली मच्छरों के लार्वा को खाने के लिए डाली गई है। इसके आस-पास पौधे लगाए जा रहे हैं। बड़े आकार के 50 पौधे यहां लगाए जा रहे हैं, जो पेड़ बनकर इस तालाब के पानी को भाप बनकर सूखने से भी बचाएंगे। गुरुजल प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण मिला: ये तालाब ग्रीन बेल्ट पर बनाए गए थे, किसी ने इसकी शिकायत प्रशासन से की फिर प्रशासन से अधिकारियों ने इसका निरीक्षण किया और इस कार्य की सराहना की। हम एसटीपी के पानी का आदर्श प्रयोग कर रहे हैं। बागवानी के लिए हम अपने एसटीपी के पानी को प्रयोग में ला रहे हैं। हमलोगों को प्रशासन जल संरक्षण से संबंधित गुरुजल प्रोजेक्ट के तहत विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं। जिनमें तालाबों में एक्वेटिक प्लांटस लगाने हैं। दूसरी सोसायटी के लोग भी इसको अपनाना चाह रहे हैं। अगर प्रशासन जमीन पर कुछ करना चाहे तो तालाब भर दिए जाएंगे मगर प्रशासन के विशेषज्ञों ने भूजल संरक्षण के हमारे तरीके को पसंद किया। एसटीपी का पानी प्रमाणित है, पौधों से पानी और साफ होगा।

- प्रवीण मलिक, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सारे होम्स


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