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ध्वस्त किए जा रहा है संगठित अपराध के नेटवर्क

गुरुग्राम को हरियाणा की आर्थिक राजधानी भी माना जाता है। इसे देखते हुए कानून व्यवस्था की मजबूती पर लगातार ध्यान देना आवश्यक है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 04:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:12 PM (IST)
ध्वस्त किए जा रहा है संगठित अपराध के नेटवर्क
ध्वस्त किए जा रहा है संगठित अपराध के नेटवर्क

गुरुग्राम को हरियाणा की आर्थिक राजधानी भी माना जाता है। इसे देखते हुए कानून व्यवस्था की मजबूती पर लगातार ध्यान देना आवश्यक है। लेकिन संगठित अपराध का नेटवर्क तमाम प्रयासों के बावजूद पूरी तरह ध्वस्त नहीं हो पाया है। चोरी की वारदात में कमी आई है लेकिन अपेक्षाकृत नहीं। लोग अपने घर में सोये रहते हैं, इसके बाद भी चोरी हो जाती है। कहीं पर कुछ देर के लिए बाइक या स्कूटी खड़ी करके लोग कहीं जाते हैं, उतनी देर में चोरी हो जाती है। यही नहीं शराब तस्करी पर भी लगाम लगाना चुनौती है। लूट एवं छीनाझपटी की वारदात भी समय-समय पर होती रहती हैं। संगठित अपराध के ऊपर कैसे रोक लगेगी सहित कई सवालों को लेकर दैनिक जागरण के आदित्य राज ने पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी, गुरुग्राम) दीपक सहारण से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश: संगठित अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं?

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- लूट, चोरी, छीनाझपटी से संबंधित संगठन अपराधों पर नकेल कसने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जो पुराने बदमाश हैं, उनके बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है कि वे जेल से बाहर आने के बाद कहीं फिर से सक्रिय तो नहीं हो गए हैं। यह भी पता किया जा रहा है कि पुराने बदमाशों ने कहीं नए बदमाशों का गिरोह तो नहीं तैयार कर लिया है। पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जिस स्तर पर प्रयास किए जा सकते हैं, किए जा रहे हैं। यही वजह है कि अपराध में कमी आई है। अपराध में कमी लाने के लिए फील्ड में पुलिस की सक्रियता और बढ़ाई गई है। पुलिस फील्ड में अधिक से अधिक दिखाई दे, इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। जब पुलिस हर तरफ सक्रिय दिखाई देगी निश्चित रूप से अपराध में कमी आएगी। शराब तस्करी पर क्यों रोक नहीं लग पा रही है?

- ऐसा नहीं है कि शराब तस्करी पर लगाम नहीं लगी है। काफी हद तक तस्करों पर लगाम लग चुकी है। सभी थाना पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच की टीम भी तस्करों पर नजर रख रही है। जहां से जिस समय सूचना मिलती है, उसी समय छापेमारी की जाती है। एक नई समस्या कोरोना संकट के दौरान सामने आई है, वह है आनलाइन तस्करी। कुछ लोगों के साथ धोखाधड़ी की भी शिकायत सामने आई है। ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। लोगों से भी अपील है कि वे भी पुलिस को सूचना दें। सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर शराब की तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बहुत से वाहन बिना पंजीकरण नंबर के सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। कैसे लगाम लगाएंगे?

- सभी थाना पुलिस को कहा गया है कि बिना नंबर वाले वाहन जहां कहीं भी दिखें, कार्रवाई करें। बिना नंबर के वाहनों का इस्तेमाल अपराध के लिए किया जाता है। इसे देखते हुए चालान करने के साथ वाहन चलाने वालों से बारीकी से पूछताछ की जाती है ताकि पता चल सके कि कहीं वह किसी वारदात को अंजाम देने तो नहीं जा रहा था। पुलिस की फील्ड में उपस्थिति व सक्रियता से अपने आप ही अपराध का ग्राफ काफी कम हो जाता है। गलत करने वालों में डर पैदा होता है कि वे कहीं न कहीं पुलिस की पकड़ में आ जाएंगे। कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ हैं? लेकिन काफी लोग बिना मास्क के चलने लगे हैं?

- इसे देखते हुए पुलिसकर्मियों से कहा गया है कि जहां कहीं भी कोई बिना मास्क के दिखाई दे, चालान करें। इसके लिए किसी भी प्रकार की सुनवाई न करें। चालान करने के साथ ही उन्हें समझाएं कि मास्क पहनना कितना आवश्यक है। लोगों को शारीरिक दूरी का पालन क्यों करना चाहिए, इस बारे में भी पुलिसकर्मी उन्हें बताते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि पुलिस कोविड-19 को लेकर सख्ती बरतने के साथ ही जागरूकता पैदा करने के ऊपर भी जोर दे रही है। लोगों से अपील है कि कोविड-19 के निर्देशों का पालन अपने अपने परिवार, समाज व राष्ट्र के लिए करें। इस समय में मास्क पहनकर चलना, शारीरिक दूरी का पालन करना राष्ट्रहित में है। ऐसा करने से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलेगा। मैं लोगों से यह भी अपील करुंगा कि वे अपने बच्चों के हाथों में न बाइक दें और न ही कार। - परिचय--

नाम : दीपक सहारण

जन्मतिथि : 8 सितंबर 1979

शिक्षा: बीटेक एवं एमबीए

सेवा: वर्ष 2004 में हरियाणा पुलिस सर्विस (एचपीएस) के लिए चयनित हुए। सबसे पहली जिम्मेदारी हिसार में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद की। इसके बाद नूंह में रहे। पटौदी में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रहे। चंडीगढ़ में डीएसपी के पद पर रहते हुए ट्रैफिक एवं सिक्योरिटी की जिम्मेदारी संभाली। चंडीगढ़ में डीएसपी साइबर क्राइम भी रहे। नेवल कमांडो में डीएसपी रहे। डीएसपी से पदोन्नत होने के बाद पुलिस उपायुक्त गुरुग्राम (पूर्वी), पुलिस अधीक्षक फतेहाबाद, पुलिस अधीक्षक नारनौल, पुलिस उपायुक्त मानेसर की जिम्मेदारी संभाली। इनके अलावा भी कई पदों पर रहे। फिलहाल पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी, गुरुग्राम) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।


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