उद्योगों पर प्रतिबंध की सीमा बढ़ने से उद्योग जगत बेचैन
बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लगभग एक माह से साइबर सिटी का उद्योग जगत पेरशान है। उद्यमियों को इस बात की उम्मीद थी कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा इंडस्ट्री पर लगाए गए प्रतिबंध से मंगलवार को मुक्ति मिल जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लगभग एक माह से साइबर सिटी का उद्योग जगत परेशान है। उद्यमियों को इस बात की उम्मीद थी कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा इंडस्ट्री पर लगाए गए प्रतिबंध से मंगलवार को मुक्ति मिल जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। सोमवार देर शाम ईपीसीए ने कोयला आधारित और गैर-पीएनजी बॉयलर संचालित उद्योगों पर प्रतिबंध की समय सीमा को 14 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इससे उद्यमी काफी निराश और परेशान हैं।
उद्यमियों का कहना है कि जब से औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर चलाने पर पाबंदी, गैर-सीएनजी बॉयलर संचालन और कोयला आधारित इंडस्ट्री को बंद रखने के निर्देश ईपीसीए ने दिए हैं, तब से औद्योगिक कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऑर्डर को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले लगभग एक माह से वायु प्रदूषण के नाम पर उद्योगों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। ठीक से बिजली आपूर्ति नहीं होने से औद्योगिक इकाइयों में रोजाना काम प्रभावित हो रहा है। बिजली जाने पर काम पूरी तरह से ठप हो जाता है। यदि जनरेटर चलाने की छूट होती तो इस प्रकार की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।
गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के महासचिव दीपक मैनी का कहना है कि यदि 14 नंवबर के बाद भी प्रतिबंध जारी रहा तो उद्योगों की कमर टूटने लगेगी। गारमेंट क्षेत्र से संबंधित एक औद्योगिक इकाई के महाप्रबंधक का कहना है कि औद्येागिक क्षेत्रों में पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इस कारण डीजल से बॉयलर का संचालन उनके यहां होता है। जब से ईपीसीए द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। जब से काम पूरी तरह से ठप है। क्लाइंट का माल तैयार नहीं हुआ है ऐसे में ऑर्डर कैंसिल होने की नौबत आ गई है। ऐसी स्थिति में यदि काम किया जाए तो हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भारी भरकम जुर्माना लगा दिया जाएगा। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह ने कहा कि बोर्ड ईपीसीए के निर्देश का पालन सख्ती से करा रहा है।