जीएसटी रिफंड में देरी से बढ़ी उद्यमियों की ¨चता
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के रिफंड में अब काफी देरी हो रही है। इससे गुरुग्राम के उद्यमियों की ¨चता ज्यादा ही बढ़ गई है। इसका असर उनकी भविष्य की योजनाओं और ऑर्डर पर पड़ने लगा है। रिफंड के अटकने से उन्हें अपने काम को आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि यह समय विदेश से ऑर्डर मिलने की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के रिफंड में देरी होने से गुरुग्राम के उद्यमियों की ¨चता ज्यादा ही बढ़ गई है। इसका असर उनकी भविष्य की योजनाओं और ऑर्डर पर पड़ने लगा है। रिफंड के अटकने से उन्हें अपने काम को आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि यह समय विदेश से ऑर्डर मिलने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। माल तैयार करने के लिए अधिक पूंजी की जरूरत होती है। यदि रिफंड समय से मिल जाता तो काम करने में आसानी होती। निर्यातकों ने सरकार से अपील की है कि वह रिफंड में और देरी ना करें।
गुरुग्राम प्रदेश का सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है। यहां के बने कपड़े अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाड़ा और जापान जैसे देशों में निर्यात होते हैं। वैश्विक बाजार में अपनी पहुंच को बरकरार रखने के लिए भी स्थानीय उद्यमियों को काफी मेहनत करनी पड़ रही है। उनका कहना है कि अगर इस मामले में सरकार उनकी सहायता नहीं कर पा रही है तो कोई बात नहीं, लेकिन उनके रिफंड को देने में और देरी न करे। यहां के कुछ निर्यातकों को रिफंड मिला है, इससे उम्मीद जगी थी कि सभी को जल्द ही इसका भुगतान कर दिया जाएगा मगर ऐसा नहीं हो रहा है। अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन एच के एल मागू का भी मानना है कि जीएसटी रिफंड के भुगतान में देरी से कपड़ा उद्योग असहज है।
एक लेदर गारमेंट यूनिट के जीएम मनोज कदम का कहना है कि जब से जीएसटी लागू हुई है तभी से रिफंड को लेकर समस्या हो रही है। इसका असर कारोबार पर काफी नकारात्मक पड़ रहा है। कैश की कमी के कारण ऑर्डर बुक करने में दिक्कत हो रही है। यह बात समझ में नहीं आ रही है कि जीएसटी रिफंड में किस लिए इतनी देरी की जा रही है। रिफंड की उचित व्यवस्था क्यों नहीं बनाई जा रही है। गुरुग्राम के गारमेंट एवं लेदर एक्सपोर्टरों को इसका काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वह अपने काम को आगे बढ़ाने व विदेश से मिलने वाले ऑर्डर को बुक करने को लेकर काफी आशंकित हैं।
किशन कपूर, चेयरमैन हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन