मोकलवास, खरखड़ी और बासलांबी को कृषि जोन से निकालने की मांग
वर्ष 2004 में गांव मोकलवास खरखड़ी और बासलांबी को कृषि जोन में शामिल कर दिया गया था। इसके तहत इन गांवों में कृषि के अलावा कोई व्यावसायिक कार्य नहीं हो सकता।
जागरण संवाददाता, मानेसर: वर्ष 2004 में गांव मोकलवास, खरखड़ी और बासलांबी को 'कृषि जोन' में शामिल कर दिया गया था। इसके तहत इन गांवों में कृषि के अलावा कोई व्यावसायिक कार्य नहीं हो सकता। अब ग्रामीणों ने इन गांवों को कृषि जोन से निकालने की मांग की है। ग्रामीणों की तरफ से इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखा है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह प्रावधान गांवों पर थोपा गया था। जमीन अधिग्रहण का विरोध करने पर यह जोन लगाया गया था। इन गांवों को कृषि जोन से निकालकर व्यावसायिक कार्यों को मंजूरी दी जानी चाहिए। इन गांवों के चारों तरफ बड़े वेयरहाउस और बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट लगाए हैं। कृषि जोन होने के कारण इन गांवों किसी तरह का कोई विकास नहीं हुआ है। इन गांवों को कृषि जोन से निकाले जाने के बाद यहां की जमीन पर भी वेयरहाउस और कंपनियां स्थापित हो सकेंगी। इससे इन गांवों के लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर खुलेंगे।
गांव मोकलवास के सरपंच मनोज यादव, खरखड़ी के सरपंच सतीश यादव, देवेंद्र यादव ने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहरलाल को पत्र लिखा है। इस बारे में आगे भी कार्रवाई की जाएगी। इसके कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कत हो रही है। इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए। ये गांव औद्योगिक क्षेत्र मानेसर के नजदीक हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे भी इन गांवों की जमीन से गुजरता है। इसके अलावा एक तरफ जमालपुर के वेयरहाउस हैं और दूसरी तरफ बिलासपुर के वेयरहाउस और कंपनियां हैं। इन गांवों को भी कृषि जोन से बाहर निकाला जाना चाहिए।