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गांव चौमा की जमीन पर अवैध कब्जे की जल्द शुरू होगी जांच

गांव चोमा की जमीन पर बिल्डर द्वारा अवैध कब्जे संबंधी मामले की जांच जल्द ही शुरू हो जाएगी। यह मामला चार अगस्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष जिला कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में उठा था। बैठक में निर्देशानुसार इस मामले में जांच शुरू कराने के लिए निगमायुक्त यशपाल यादव ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का आग्रह किया है। जिससे की मामले की पूरी सच्चाई सामने आए और इस पर उचित कार्रवाई की जा सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 06:03 PM (IST)
गांव चौमा की जमीन पर अवैध कब्जे की जल्द शुरू होगी जांच
गांव चौमा की जमीन पर अवैध कब्जे की जल्द शुरू होगी जांच

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गांव चौमा की जमीन पर बिल्डर द्वारा अवैध कब्जा करने के मामले की जांच जल्द ही शुरू हो जाएगी। यह मामला चार अगस्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने जिला कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में उठा था। बैठक में निर्देशानुसार इस मामले में जांच शुरू कराने के लिए निगमायुक्त यशपाल यादव ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का आग्रह किया है, जिससे की मामले की पूरी सच्चाई सामने आए और इस पर उचित कार्रवाई की जा सके।

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बता दें कि वर्ष 2008 में गांव चौमा के नगर निगम में शामिल होने के बाद पंचायत की जमीन भी नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आ गई है। गांव के निवासी कृष्ण लांबा द्वारा जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायत दर्ज कर दावा किया कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने बिल्डर के साथ मिलकर अवैध तरीके से जमीन के कुछ हिस्से की रजिस्ट्री करवा ली है। उस पर मकानों का निर्माण भी कर लिया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार यह जमीन नगर निगम द्वारा गऊशाला के लिए इस्तेमाल की जा रही है और जमीन का कुछ हिस्सा आयुध डिपो के 900 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में भी आता है। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से इस जमीन पर बने अवैध मकानों को तोड़ने और जमीन को गौशाला में शामिल करने की मांग की थी।

मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लेते हुए शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक को तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने, नगर निगम को संबंधित बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई व शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत के साथ संलग्न 10 लाख रुपये के चेक को भी वापस करने का निर्देश दिया था। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त-2 विवेक कालिया ने बताया कि मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने इस मामले की समीक्षा की है और निर्देश दिए हैं कि जो अधिकारी इस दौरान कार्यरत रहे हैं उनकी जानकारी भेजी जाए।


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