प्रशासन ने नहीं सुनी तो चंदा जुटा सड़क बनवाना शुरू किया
डीएलएफ फेज तीन में 15 साल बाद भी जब डीएलएफ प्रबंधन ने सड़क का निर्माण नहीं किया तो लोगों ने खुद ही चंदा जुटाकर अपनी लेन की सड़क का निर्माण शुरू करा दिया।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: नाम बड़े और दर्शन छोटे यह कहावत साइबर सिटी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। डीएलएफ फेज तीन में 15 साल बाद भी जब डीएलएफ प्रबंधन ने सड़क का निर्माण नहीं किया तो लोगों ने खुद ही चंदा जुटाकर अपनी लेन की सड़क का निर्माण शुरू करा दिया। निवासियों का कहना है कि नगर निगम को प्रापर्टी टैक्स, डीएलएफ को रख-रखाव शुल्क और सरकार को सभी प्रकार के करों की अदायगी करने के बाद भी सड़कों का निर्माण खुद करना पड़े तो प्रशासन के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या होगी।
बता दें कि डीएलएफ फेज एक से तीन कालोनी को नगर निगम द्वारा टेकओवर किया जाना है, लेकिन बीते तीन साल से डीएलएफ डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के कार्यो को पूरा करने में लगी हुई है और आज तक विकास कार्य पूरे नहीं हो पाए जिसकी वजह से नगर निगम कालोनी को टेकओवर नहीं कर पा रहा है। अभी निगम की तरफ से आखिरी डेडलाइन 31 दिसंबर थी लेकिन वह भी निकल गई और डीएलएफ प्रबंधन ने फिर से बचे कार्यों को पूरा करने के लिए समय मांग लिया।
गौर करने वाली बात यह है कि डीपीआर का मुख्य कार्य सड़क का ही है। तीन साल पहले मुख्यमंत्री ने कालोनी को टेकओवर करने के लिए आदेश जारी कर दिए थे लेकिन इसके बावजूद बिल्डर अभी तक सड़कों का भी निर्माण नहीं कर पाया है और अब स्थानीय निवासी खराब सड़कों से इतने तंग आ चुके है कि खुद ही अपनी जेब से पैसे जमाकर सड़क का निर्माण करने पर मजबूर हो गए हैं।
पूर्व पार्षद सुंदर सिंह, यू-6 लेन निवासी सुरेश कुमार, संजय, प्रदीप, करण, आनंद, अभिषेक इत्यादि लोगों का कहना है कि कई सालों से डीएलएफ प्रबंधन और नगर निगम के पास सड़क निर्माण के लिए चक्कर काट रहे है लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो अपने पैसे जमाकर सड़क निर्माण शुरू कराया है।