होंडा मामले पर टिकी हैं निवेशकों व उद्योग जगत की निगाहें
आइएमटी मानेसर स्थित होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचएमएसआइ) के प्लांट में चल रहे श्रमिक तनाव पर निवेशकों से लेकर प्रदेश के उद्योग जगत तक की निगाहें टिकी हुई हैं।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
आइएमटी मानेसर स्थित होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचएमएसआइ) के प्लांट में चल रहे श्रमिक तनाव पर निवेशकों से लेकर प्रदेश के उद्योग जगत तक की निगाहें टिकी हुई हैं। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि जिस प्रकार का श्रमिक अशांति का माहौल यहां बना है, उससे जापान सहित देश के अन्य निवेशकों द्वारा प्रदेश में अपनी निवेश नीति की समीक्षा की जा रही है। यदि इस विवाद का प्रभावी हल समय से नहीं किया गया तो इसका बड़े स्तर पर दुष्परिणाम हो सकता है। स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि दुनिया भर में इस औद्योगिक हब की साख खराब हो रही है।
होंडा की पहचान दुनिया के सबसे बड़े दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी के रूप में है। जब से यहां श्रमिक विवाद का वातावरण बना है तब से यहां उत्पादन प्रभावित है। इस विवाद की वजह से प्लांट में 14 दिन तक उत्पादन ठप रहा। 25 नवंबर से यहां काम शुरू हुआ है। इसके बावजूद पहले से काफी कम वाहनों का उत्पादन हो रहा है। यही बात उद्योग जगत को परेशान कर रही है। उद्यमियों का कहना है कि स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में जापान के राजदूत को यह मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाना पड़ा था। ऐसे में उद्योग जगत की निगाहें प्रदेश सरकार पर टिकी हुई हैं।
गुरुग्राम में होंडा के लिए अलग-अलग उपकरण बनाने वाली लगभग 200 कंपनियां भी इस विवाद के कारण प्रभावित हैं। इनके यहां भी उत्पादन में काफी गिरावट आई है। इन्हें इस बात का डर है कि कहीं कंपनी कोई बड़ा कदम न उठा ले जिससे कि होंडा के लिए काम करने वाले वेंडर कंपनियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़े।
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होंडा में चल रहे श्रमिक विवाद को जल्द से जल्द सुलझाना जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश को इसका बड़ा नुकसान हो सकता है। जापानी निवेशकों में इस विवाद के बाद से गुरुग्राम एवं प्रदेश में उद्योग लगाने के प्रति काफी नकारात्मक छवि बन रही है। यदि होंडा का यहां से मोहभंग हुआ तो लगभग दो सौ कंपनियों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा।
दीपक मैनी, महासचिव, जीआइए एंव ऑटोमोबाइल कंपनी के एमडी ऑटोमोबाइल क्षेत्र की स्थिति पहले से ही काफी खराब है। ऐसे में अशांति का वातावरण औद्योगिक हब के लिए ठीक नहीं है। इस मामले का त्वरित समाधान जरूरी है। जापानी निवेशकों में इसका गलत संदेश जा रहा है। इससे भविष्य में निवेश की राह भी कठिन होने की संभावना बन रही है। होंडा से जुड़ी कंपनियों का भी मनोबल प्रभावित हो रहा है।
एसके आहूजा, महासचिव , गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री