युवाओं को नशा मुक्त रखने के लिए, परिजन दें ध्यान: डॉ. ¨सधू
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : साइबर सिटी के युवा नशे की लपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हर
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : साइबर सिटी के युवा नशे की लपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हर वर्ष 10 हजार से ज्यादा युवा नशे की लत से ग्रस्त हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि शराब, बिड़ी- सिगरेट पीना युवाओं के लिए आम बात बनती जा रही है। अगर परिजन युवाओं ध्यान देंगे तो नशे से बचाया जा सकता है। जिला स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार हर रोज 25 से 30 युवा मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं जो किन्हीं कारण नशे की लत से ग्रस्त है। जिला नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ब्रह्मादीप ¨सधू का कहना है कि शहर में हर रोज युवा नशे की लत में शामिल हो रहा है। डॉ. ने कहा कि शौक में नशा करने वालों की संख्या ज्यादा नहीं है। यह जो संख्या बढ़ रही है उन्हें किसी न किसी तरह की मानसिक परेशानी है। पढ़ाई, नौकरी, व्यापार में दबाव के अलावा घर का माहौल भी जिम्मेदार है। शहर की हाई सोसाइटी में बच्चों को कम समय देना भी छोटी उम्र में नशे की तरफ खींच रहा है।
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लीवर जांच :
डॉ. ¨सधू ने कहा कि नशा करने वाले को समय-समय पर अपने लीवर की जांच करानी चाहिए। फिर उसे पता चलेगा कि मादक पदार्थ उन्हें धीरे-धीरे कितना नुकसान पहुंचा रहा है। क्योंकि कई बार नशा करने वाले को पता नहीं चलता है कि वो नशे का कितना आदी हो चुका है।
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बच्चों पर ध्यान दे:
14-15 वर्ष के बच्चों पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चे की संगत व दिनचर्या पर ध्यान देना जरूरी है। उसके व्यवहार में होने वाले बदलवा को देखने से भी पता चल सकता है कि वो नशे का आदि है। बड़ों को अपने बच्चों के सामने नशा करने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसे में बच्चा तेजी से नशे की तरफ जाता है।
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भारत में अफीम और हेरोइन की खपत
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में भारत भी हेरोइन का बड़ा उपभोक्ता देश बनता जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 12 से 60 वर्ष आयु वाले लोग 0.7 प्रतिशत प्रति माह सेवन कर रहे हैं। इसी तरह 12 से 60 वर्ष के 3 प्रतिशत लोग भांग का सेवन करते हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हेरोइन व अफीम का नशा कितनी तेजी से बढ़ रहा है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। भारत में 17 मीट्रिक टन हेरोइन और 65-70 मीट्रिक टन अफीम की खपत हर वर्ष हो रही है।
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शराब का सेवन :
भारत में शराब पीने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 से 20 प्रतिशत लोग आज शराब पी रहे हैं। भारत में आज शराब पीने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 20 वर्ष पहले भारत में 300 लोगों की संख्या में 1 व्यक्ति शराब पीता था और आज 300 लोगों में 15 लोग शराब पीने के आदि है।
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गर्भवती महिलाओं को खतरा
साइबर सिटी समेत देश में बड़े शहरों में महिलाओं मे शराब सेवन का चलन बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार नौकरी करने वाली 40 प्रतिशत महिलाएं शराब पीने की लत से ग्रस्त है। डॉक्टरों के अनुसार गर्भवती महिलाओं में शुरू के दिनों में 12 प्रतिशत अधिक खतरा होता है और शिशु के मस्तिष्क में विकृति की संभावना उन महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों में 35 प्रतिशत अधिक होती है। शराब पीने वाली महिलाओं को गर्भपात का खतरा ज्यादा रहता है। युवा खेल को अपनाएं :
कोई भी व्यक्ति किसी भी टेंशन व नशे से बचने के लिए खेल का साहरा ले सकते हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ खेल के मैदान पर बच्चों की भागेदारी बढ़ानी होगी। जब बच्चों के मन में ग्राउंड पर जीतने की जिद व हारने का डर रहेगा, तो बच्चा नशे की तरफ नहीं जाएगा।