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जिन्हें डर लगता है वह कोरोना टीका लगवाने वालों से बात कर संशय दूर कर लें : डा. विरेंद्र

कोरोना टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ रही है तो डरने वालों की भी कमी नहीं है। कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहें तेज होने के बाद भी लाखों लोग टीका लगवा चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:43 PM (IST)
जिन्हें डर लगता है वह कोरोना टीका लगवाने वालों से बात कर संशय दूर कर लें : डा. विरेंद्र
जिन्हें डर लगता है वह कोरोना टीका लगवाने वालों से बात कर संशय दूर कर लें : डा. विरेंद्र

कोरोना टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ रही है तो डरने वालों की भी कमी नहीं है। कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहें तेज होने के बाद भी लाखों लोग टीका लगवा चुके हैं। देश में अभी तक कोरोना टीका लगवाने के बाद किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर अफवाहें फैलाने में लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब हम टीका लगवाने के बाद स्वस्थ हैं तो किसी को डरने की जरूरत नहीं है। 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और पांच दिन के अभियान में पंद्रह हजार के करीब लोगों को टीकाकरण हो चुका है। जिन्हें टीका लग चुका है उनका स्वास्थ्य कैसा है इस तरह के तमाम मुद्दों पर सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव की दैनिक जागरण के अनिल भारद्वाज के साथ खास बातचीत के मुख्य अंश: . एक स्वास्थ्यकर्मी की मृत्यु हुई है। वैक्सीन को लेकर पहले ही डर बना हुआ था और डर अब बढ़ गया है।

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- एएफआइ पंद्रह डाक्टरों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है और कहा है कि स्वास्थ्यकर्मी की मौत कोरोना टीका के कारण नहीं हुई है। वैसे कुछ दिन में विसरा जांच रिपोर्ट आ जाएगी और स्पष्ट हो जाएगा कि मौत का कारण क्या रहा। महिला के साथ नौ कर्मियों को टीका लगाया था और सभी स्वस्थ हैं। कोई भी टीका लगने के बाद कुछ विपरीत प्रभाव होना होता है तो वह दो दिन तक होता है। महिला को 16 जनवरी को टीका लगा था और मौत 22 जनवरी को हुई है। . स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मियों में टीका लगवाने को लेकर संशय है। वह टीका नहीं लगवा रहे हैं, क्या विभाग कोई कार्रवाई करेगा?

- कोई कार्रवाई नहीं करेगा। टीका लगवाने की अपनी मर्जी है, लेकिन हमारा काम प्रोत्साहित करने का है। हम सबको बताएंगे कि टीका सुरक्षित है और इसी गुरुग्राम शहर में हजारों स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवा चुके हैं। सभी स्वस्थ हैं। मैं एक बात रखना चाहता हूं कि हमें भी अपने स्टाफ के स्वास्थ्य की चिता है। . आपने सबसे पहले टीका लगवाया, फिर भी आपका ही स्टाफ संशय में है।

- मैंने और सभी उप सिविल सर्जन व अन्य डाक्टरों ने टीका लगवाया है। आइएमए गुरुग्राम के अध्यक्ष और एम्स के डायरेक्टर तक टीका लगवा चुके हैं और हम सब स्वस्थ हैं। गुरुग्राम में 13 हजार से अधिक डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवा चुके हैं सभी स्वस्थ हैं। कोरोना वैक्सीन जीवन रक्षक है और सुरक्षित है। . कोरोना टीके से देश में एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है और दूसरे देश भी भारत से वैक्सीन मंगवा रहे हैं, क्या कारण हैं फिर भी लोगों में वैक्सीन को लेकर संशय बना हुआ है।

- मैं, यहां इतना ही कहना चाहूंगा कि यहां पर वैक्सीन व दवाओं के प्रति अफवाहें फैलाने का काम कोई नया नहीं है। आप थोड़ा पीछे जाकर देख लीजिए, हर दवा-वैक्सीन के प्रति अफवाहें उड़ाई गर्इं और वही दवा जीवन रक्षक बनी हुई है। पोलिया दवा के लिए क्या-क्या बोला गया था और आज उसी पोलिया दवा की दो बूंद पीकर देश का हर बच्चा पोलिया मुक्त हो गया। जिस टीके को सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी लगवा रहे हैं भला उसमें क्या खराबी हो सकती है। . जिस तरह से आशा वर्कर्स टीका लगवाने आगे आई हैं उतना चाव स्वास्थ्यकर्मियों में देखने को नहीं मिला।

- हां, आशा वर्कर्स टीका लगवाने में आगे रही हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि आशा वर्कर्स की तरह अन्य स्टाफ को भी टीके संबंध में जो संशय बना है उसे दूर किया जाए। हमारे अधिकारी टीके को लेकर लगातार स्टाफ को जागरूक कर रहे हैं और आप देखेंगे कि अगले सप्ताह तक हम स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने का अभियान पूरा कर चुके होंगे। . निजी अस्पतालों में भी कुछ डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी हैं जो टीका लगवाने में पीछे हट रहे हैं।

- जो टीका लगवाने में पीछे हट रहे हैं उन्हें बताया जा रहा है कि वह लोग स्वस्थ हैं जो टीका लगवा चुके है। संशय किसी में भी हो सकता है और जो आज टीका नहीं लगवा रहा है वह कल लगवा लेगा। क्योंकि टीका सुरक्षित और जीवन रक्षक है। . टीकाकारण अभियान धीमा चल रहा है। इसके क्या कारण हैं।

- दैनिक जागरण के माध्यम से मैं सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल के डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को कहना चाहूंगा कि टीका सुरक्षित है। टीके को लेकर मन में जो संशय है वह उन लोगों से बातचीत करें, जो टीका लगवा चुके हैं। जिले में विभाग के पास 5035 स्वास्थ्य विभाग और 32,392 गैर सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों का रजिस्ट्रेशन है। छह दिनों में पंद्रह हजार के करीब ही लोगों ने टीका लगवाया है। टीका अभियान जल्द पूरा हो इसके लिए स्वास्थ्यकर्मी टीका जल्द लगवाएं ताकि स्वास्थ्यकर्मियों के बाद पुलिस विभाग में अभियान चलाया जा सके। . कुछ स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जो टीका लगवाना चाहते हैं, लेकिन कुछ माह बाद। क्या बाद में उन्हें टीका लगेगा?

- जो यह सोच रहे हैं कि अभी दूसरों को टीका लगने दें और देख लें कि टीका सही है या नहीं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि टीका सुरिक्षत होने के बाद भी लोगों को टीका लगाने के लिए अभियान चलाया गया है।

कोई कभी भी टीका लगवा सकता है, लेकिन अब स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अभियान चल रहा है तो अभी लगवाना चाहिए और उन्हें देखकर टीका लगवाना चाहिए जो हजारों डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवा चुके हैं। . गुरुग्राम ने 2020 में लिगानुपात मामले में लंबी छलांग लगाने में कामयाब रहा, यह कामयाबी कैसे मिली है।

- भ्रूण लिग जांच करने वाले और कराने वालों के खिलाफ हमारी सख्ती रही और आगे भी रहेगी। लिगानुपात में सुधार होने का एक कारण लोगों का सहयोग भी शामिल है। लोगों ने प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे का बहुत गंभीरता से पालन किया है। 2021 में लिगानुपात में अधिक सुधार होगा।

नाम : विरेंद्र यादव

जन्म स्थान : गांव बीरण ,जिला भिवानी

शिक्षा, एमबीबीएस रोहतक मेडिकल कालेज 1993

एमडी : रोहतक मेडिकल कालेज 2003

विशेषज्ञ : मेडिसन,डीएम कार्डियो : 2008

नियुक्ति : हरियाणा मेडिकल सर्विस 1995

सिविल सर्जन पद पर नियुक्ति : फरीदाबाद,चरखी दादरी, करनाल, नूंह, गुरुग्राम


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