पीजीआइ में दो दर्जन कोरोना संदिग्धों के सैंपल की नहीं हुई जांच
कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग रोहतक पीजीआइ में सैंपल भेजता है लेकिन वहां पर सभी सैंपलों की जांच नहीं हो रही है।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग रोहतक पीजीआइ में सैंपल भेजता है, लेकिन वहां पर सभी सैंपलों की जांच नहीं हो रही है। गुरुग्राम में एक लड़की को बुखार व खांसी और गला खराब होने के बाद चार दिन पहले मेदांता अस्पताल के माध्यम से सैंपल भिजवाए गए, लेकिन उसके सैंपल की जांच नहीं की गई। उसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से सैंपल रोहतक पीजीआइ में भेजे गए लेकिन फिर जांच नहीं की गई।
बताया जा रहा है कि 24 से अधिक सैंपल ऐसे हैं जिनकी अभी तक जांच नहीं की गई। बताया जा रहा है कि सैंपल यह कह कर लौटा दिया जाता है कि यह विदेश से नहीं आए हैं और ना इनके परिवार में कोई मरीज है। जिला स्वास्थ्य विभाग चार दिन से खुश हो रहा है कि जिले में कोई मरीज नहीं मिला लेकिन जिन मरीजों के सैंपल की जांच नहीं हुई, उनकी क्या गारंटी है कि वह कोरोना से ग्रस्त नहीं थे। वैसे भी स्वास्थ्य विभाग या प्राइवेट अस्पताल बहुत कम मरीजों के सैंपल ले रहे हैं। वे उन्हीं मरीजों के सैंपल ले रहे हैं जिनमें वायरस होने की संभावना ज्यादा है।
हम मरीज की हिस्ट्री व ज्यादा बीमार होने पर ही सैंपल भेजते हैं। सभी सैंपल की जांच होनी चाहिए। अब जांच क्यों नहीं हुई, इस संबंध में पीजीआइ बात की जाएगी। वैसे हमने अपने सेक्टर दस अस्पताल में लैब के लिए उच्च अधिकारियों से मांग की है और अगले तीन-चार दिन में सुविधा यहीं शुरू होने की संभावना है। शहर में तीन निजी लैब मॉर्डन पैथ लैब, लाल पैथ लैब व एसआरएल डायग्नोस्टिक में जांच हो रही है। कोरोना की जांच 4500 रुपये में करा सकते हैं।
-डॉ. जसवंत सिंह पूनिया, सिविल सर्जन