जिले में कोरोना मरीजों की संख्या हुई ढाई सौ के पार
शुक्रवार को रोहतक पीजीआइ से 70 लोगों की जांच रिपोर्ट आई थी जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने 12 कोरोना मरीज की पुष्टि की है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शुक्रवार को रोहतक पीजीआइ से 70 लोगों की जांच रिपोर्ट आई थी जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने 12 कोरोना मरीज की पुष्टि की है। इनमें चार मरीज गांव भोड़ाकला के रहने वाले हैं और गांव चकरपुर, गांव डूंडाहेड़ा, गांव कादीपुर, गांव सरहौल,पटौदी, धर्म कॉलोनी, राजेंद्र पार्क,सेक्टर 53 में एक-एक कोरोना मरीज मिला।
सिविल सर्जन डॉ. जसवंत सिंह पूनिया ने मरीजों की पुष्टि करते हुए बताया कि राजेंद्र पार्क के 75 वर्षीय व सेक्टर 53 के 33 वर्षीय मरीज की रोहतक पीजीआइ में चार दिन पहले अन्य बीमारी के चलते मौत हो गई थी लेकिन जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनकी आज घोषणा की है और अन्य 10 मरीजों का इलाज चल रहा है।
जिले में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 140 हो चुकी है। जिला प्रशासन की तरफ से गुरुग्राम में 250 मरीजों की ही पुष्टि की जा रही है जबकि मरीजों की संख्या 258 पहुंच चुकी है। शुक्रवार को 85 लोगों के सैंपल लिए गए। स्वास्थ्य विभाग अभी तक गुरुग्राम में कोरोना से अभी तक एक मरीज की मौत की पुष्टि कर रहा है। डॉ. जसवंत ने कहा कि जिला में साढ़े दस हजार से ज्यादा लोगों का कोरोना वायरस की जांच कराई जा चुकी है।
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परिजनों के लिए गए सैंपल: सिविल सर्जन डॉ. जसवंत सिंह पूनिया ने कहा कि चार दिन पहले रोहतक पीजीआइ में गुरुग्राम के सेक्टर 53 में रहने वाले जिस मरीज की मौत हुई थी उसकी जानकारी पीजीआइ से बृहस्पतिवार को आई थी और शुक्रवार को मृतक के परिजनों के सैंपल ले लिए गए हैं। मरीज कोरोना से पॉजिटिव के साथ साथ टीबी बीमारी से ग्रस्त था और डॉक्टरों ने उसकी मौत का कारण टीबी बताया है। मरीज को अलग रख कर दे रहे हैं इलाज: डॉ.पूनिया
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर-18 के एक मरीज ने ट्विटर पर शिकायत की थी कि वह कोरोना ग्रस्त हैं और उन्हें संदिग्ध मरीजों के साथ रखा गया है। शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. जसवंत सिंह पूनिया ने कहा कि मरीज में एसिम्टोमेटिक सिमटम्स (लक्षण नहीं) होने कारण उसे सेक्टर नौ राजकीय महाविद्यालय में बने कोविड -9 सेंटर में रखा गया था। वह संदिग्ध मरीजों से अलग है।
डॉ. पूनिया ने कहा कि मरीज में कोरोना वायरस है लेकिन लक्षण बहुत कम है और इस बात को समझने के लिए मरीज तैयार नहीं होता है। हमने मरीज को कोरोना मरीजों से अलग मरीज के फायदे के लिए रखा था। दरअसल मरीज ने आइसोलेशन सेंटर में भर्ती नहीं करने के बाद ट्विटर पर शिकायत की थी। उनका कहना था कि 16 मई को सैंपल दिए थे और 18 को रिपोर्ट आई थी। उसके बाद उसे भी संदिग्ध मरीजों के साथ रखा गया।