कोरोना से जंग जीत घर लौटी युवती ने कहा, आपकी हिम्मत है वायरस की दवा
कोरोना वायरस को मात देकर घर पहुंची पालम विहार निवासी 22 वर्षीय युवती का कहना है कि दुनिया कहती है कि इसकी दवा नहीं है लेकिन मैं कहती हूं कि हिम्मत इसकी दवा है। इससे डरे नहीं।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
कोरोना वायरस को मात देकर कई दिन बाद घर पहुंची पालम विहार निवासी युवती का कहना है कि दुनिया कहती है कि इसकी दवा नहीं है लेकिन मैं कहती हूं कि हिम्मत इसकी दवा है। इससे डरें नहीं। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को मेरा यही संदेश है कि सभी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को मजबूत रखिए तो वायरस आप के आसपास नहीं आएगा। जब आप मान लेते हैं कि आप बीमार हैं और कोरोना वायरस जानलेवा है तो आप पर कोई दवा असर नहीं करेगी। इससे लड़ने की एक ही दवा है और वह आपकी ²ढ़ इच्छाशक्ति है।
22 वर्षीय युवती ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि वह कोरोना वायरस से ग्रस्त हैं तो वह और उनके परिजन घबरा गए थे। उसके बाद उनके कारण भाई और पिता व नानी भी वायरस से ग्रस्त मिले तो पूरा परिवार एक-दूसरे की चिता में डूब गया। चीन व इरान, अमेरिका, स्पेन और इटली की खबरों ने सभी को चितित कर रखा था। मैं जब अस्पताल पहुंची थी तो मैंने ²ढ़ संकल्प लिया कि कोरोना को हराकर घर जाना है और मैं आज अपनी ²ढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत स्वस्थ हूं। मेरा भाई भी स्वस्थ है। डॉक्टरों के मुताबिक उनके पिता व नानी भी स्वस्थ हैं।
अगर किसी में यह वायरस मिलता है तो इसे एक सामान्य बुखार की तरह लेकर इलाज कराएं और डॉक्टर के मुताबिक रहें। युवती ने कहा कि वह परिवार के अन्य सदस्यों को लेकर लगातार चितित थीं लेकिन घबराई नहीं, क्योंकि उन्होंने पता था कि दवा से ज्यादा हिम्मत जीत दिलाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में रहना जरूरी है। यह आपके और दूसरों के स्वास्थ्य के फायदे के लिए है।
दरअसल युवती लंदन से लौटी थी और 18 मार्च को उनमें कोरोना वायरस से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद उनके 16 वर्षीय भाई और 24 मार्च को उनके 45 वर्षीय पिता व 75 वर्षीय नानी भी वायरस से ग्रस्त मिलीं।