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साइबेरियन पक्षियों को भा रही है कड़ाके की सर्दी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : राष्ट्रीय पक्षी उद्यान सुल्तानपुर में आए मेहमान प¨रदों को कड़ाके

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 10:05 PM (IST)
साइबेरियन पक्षियों को भा रही है कड़ाके की सर्दी
साइबेरियन पक्षियों को भा रही है कड़ाके की सर्दी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : राष्ट्रीय पक्षी उद्यान सुल्तानपुर में आए मेहमान प¨रदों को कड़ाके की सर्दी खूब भा रही है। यही कारण है कि यहां इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यहां पर साइबेरिया, मंगोलिया और यूरोप से पक्षी बड़ी संख्या में आए हैं और इनके आने का सिलसिला लगातार जारी है। प¨रदों के आगमन से पक्षी उद्यान पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र बना हुआ है। रोजाना बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी उद्यान में पहुंच पक्षियों को अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं।

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राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में नवंबर की शुरुआत के साथ ही विदेशी पक्षियों के आने का दौर शुरू हो गया था। अब तक करीब 50 हजार से अधिक पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। यहां बड़ी संख्या में लोग पक्षियों व प्राकृतिक नजारे को देखने आते हैं। कुछ लोग पक्षियों के व्यवहार का अध्ययन करने भी आते हैं। पक्षी विशेषज्ञ अनिल गंडास का कहना है कि पक्षी उद्यान में सबसे अधिक पक्षी साइबेरिया क्षेत्र से आते हैं। झील में लबालब भरे पानी और चारे की अच्छी उपलब्धता के कारण मेहमान पक्षियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है।

एक समय ऐसा लग रहा था कि इस बार उद्यान में कम ही पक्षी आएंगे, मगर तापमान में गिरावट और बढ़ती ठंड के बीच माहौल पूरी तरह से बदल गया है। पक्षी विशेषज्ञ राजेश्वर शर्मा का कहना है कि विदेशी पक्षियों के अलावा स्वदेशी पक्षियों की भी यहां भरपूर मौजूदगी दिखाई दे रही है।

राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में इस समय साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लै¨मगो, रफ, ब्लैक ¨वग्ड स्टिल्ट, कॉमन कूट, कॉमन टील, कॉमन ग्रीनशैंक, नॉदर्न ¨पटेल, यलो वगटेल, ह्वाइट वागटेल, नॉदर्न शोवेलर, रोजी पेलिकन, स्पोट-बिल्ड पेलिकन, गेडवॉल, वुड सैंडिपर, स्पोटेड सैंडपिपर, यूरेशियन वेगोन, ब्लैक टेल्ड गोडविट, स्पोटेड रेडशैंक, स्टार¨लग, ब्लू थ्रोट, लांग बिल्ड पिपिट, एशियन कोयल, ब्लैक क्राउंड नाइट हेरोन, ग्रे हेरोन, इंडियन गोल्डन ओरिओल, नॉब-बिल्ड डक, ब्लू-चिक्ड बी-इटर सहित अन्य कई विदेशी पक्षी राष्ट्रीय पक्षी उद्यान की झील में मौजूद हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौसम अच्छा रहा तो यहां विदेशी प¨रदे मार्च के अंत तक ठहर सकते हैं।


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