स्कूलों के मंडल स्तरीय सर्वेक्षण में गुरुग्राम फिसड्डी
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मंगलवार को एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद)
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मंगलवार को एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद) में सरकारी स्कूलों का मंडल स्तरीय सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण की अध्यक्षता हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद (पंचकूला) के राज्य परियोजना निदेशक एसएस फूलिया ने की। सर्वेक्षण में महेंद्रगढ़, पलवल, नूंह, फरीदाबाद, रेवाड़ी व गुरुग्राम जिले के स्कूलों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया गया। इस दौरान सभी छह जिलों के ब्लॉक व जिला स्तर के विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। विभिन्न पैमानों पर स्कूलों व जिलों को श्रेणीबद्ध किया गया, जिसमें विद्यालय में निर्माण कार्य व यू-डाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम) जैसी दो सबसे अहम कसौटी पर गुरुग्राम सबसे पीछे रहा। इन पैमानों पर महेंद्रगढ़ सबसे ऊपर व नूंह दूसरे स्थान पर रहा।
जिले के 43 विद्यालयों ने नहीं करवाया है पंजीकरण
सर्वेक्षण में शहर के निजी विद्यालयों की मनमानी भी खुलकर सामने आई। सर्वेक्षण से मिले आंकड़े के मुताबिक शहर के 43 विद्यालयों ने अब तक यू-डाइस पर पंजीकरण नहीं करवाया है। वहीं 141 विद्यालयों ने अब तक लॉग इन-पासवर्ड नहीं लिया है। जिसके अनुसार 1 लाख 47 हजार बच्चों की प्रविष्टि नहीं हुई है। राज्य स्तर पर ऐसे विद्यालयों की संख्या 1004 है, जिनके छह लाख से ज्यादा विद्यार्थियों का पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है।
23 जनवरी को लिया जा सकता है कड़ा फैसला
फूलिया ने कहा कि अब तक पंजीकरण न करवाने वाले सभी 43 विद्यालयों को सात दिन के भीतर पंजीकरण करवाने के लिए फिजिकल नोटिस दिया गया है। इससे पूर्व समाचार पत्रों के माध्यम से विद्यालयों को जानकारी दी गई थी। 22 जनवरी तक जानकारी न उपलब्ध करवाए जाने पर विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन रद करवाने की दिशा में कारवाई की जाएगी।
31 मार्च तक हो जाएगा निर्माण कार्य
मुख्य कार्यालय व जिला कार्यालय के अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित सम्मेलन में एसएस फूलिया ने बताया कि इस सर्वेक्षण के बाद विद्यालयों में व्याप्त खामियों का पता कर 31 मार्च से पहले दूर कर दिया जाएगा। विभिन्न स्कूलों में पर्याप्त धनराशि के अभाव, कोर्ट केस, ऑफिस की लापरवाही जैसे कारणों से सन 2002-2003 से अधर में लटके निर्माण कार्यों को पूरा करवाना पहली प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि मार्च 2018 तक पूरे राज्य के विद्यालयों में में 5560 कार्य करवाने थे, जिसमें अब तक करीब 5000 कार्य संपन्न हो चुके हैं।
इस वर्ष समय पर उपलब्ध हो जाएंगी किताबें
विगत वर्ष विद्यालयों में कुछ कक्षाओं की किताबें तय समय से देर से पहुंची थी। जिस कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। विभाग ने पिछले वर्ष हुई चूक से सीख लेते हुए इस बार पुस्तक प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र में विद्यार्थियों के पास नई किताबें होंगी।