1600 गारमेंट एक्सपोर्टर जीएसटी रिफंड नहीं मिलने से नाराज
यशलोक ¨सह, गुरुग्राम जिनके बनाए परिधान पूरी दुनिया में हरियाणा और देश का नाम रौशन क
यशलोक ¨सह, गुरुग्राम
जिनके बनाए परिधान पूरी दुनिया में हरियाणा और देश का नाम रौशन करते हैं। आज वही अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बात हो रही है प्रदेश के गारमेंट एक्सपोर्टरों की। इनका कहना है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद से उन्हें इसका रिफंड नहीं मिला है। इससे उनके करोड़ों रुपये की वर्किग कैपिटल सरकार के पास फंसी हुई है। जुलाई, 2017 से रिफंड नहीं मिला है। जिससे कारोबार चला पाना दिनों दिन काफी दुरूह हो गया है। स्थिति इतनी भयावह है कि गारमेंट इंडस्ट्री में उत्पादन और निर्यात तक में भारी गिरावट आ गई है। प्रदेश के गारमेंट एक्सपोर्टर सरकार से यह सवाल तक पूछने को मजबूर हो गए हैं कि क्या वह अपना काम-धंधा बंद कर दें? गुरुग्राम में तो स्थिति काफी खराब हो गई है।
गुरुग्राम और फरीदाबाद प्रदेश के सबसे बड़े गारमेंट एक्सपोटर्र जिले हैं। प्रदेश में कुल करीब 1600 गारमेंट एक्सपोर्टर हैं। सिर्फ इन दोनों जिलों में इनकी संख्या करीब 1400 है। यही कारण है कि जीएसटी रिफंड नहीं इन दोनों जिलों में लिए बड़ा मुद्दा है। निर्यातकों का कहना है कि उन्हें सरकारी विभाग द्वारा आश्वासन दिया गया था कि छह अप्रैल से रिफंड मिलना शुरू हो जाएगा। मगर अभी तक गुरुग्राम के एक भी एक्सपोर्टर को रिफंड नहीं मिला है। उनका कहना है कि जीएसटी अधिकारियों और कर्मचारियों का रवैया इतना खराब है कि आगे इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है। अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा रोजाना नए-नए डाक्यूमेंट की डिमांड की जाती है। इसके बावजूद उन्हें रिफंड दिलाने में अधिकारी अपनी सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहे हैं। एक गारमेंट यूनिट में अधिकारी सत्यजीत का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की बात करते हैं मगर उनके अधिकारी इसी की राह में रोड़ा बन रहे हैं।
गुरुग्राम में करीब 900 गारमेंट एक्सपोर्टर हैं। इनमें से किसी को भी अभी तक जीएसटी रिफंड नहीं मिला है। केंद्र सरकार द्वारा रिफंड देने की बात कर रही है। मगर प्रदेश के एक्सपोर्टरों को इस मामले में काफी परेशानी हो रही है। एक गारमेंट कंपनी के संचालक का तो यहां तक कहना है कि अब तो हरियाणा में उद्योग चलाना काफी मुश्किल हो गया है। अब तो किसी दूसरे राज्य की ओर रुख करना पड़ेगा। उनका कहना है कि सिर्फ रिफंड नहीं मिलने से गारमेंट एक्सपोर्ट कारोबार और उत्पादन में 15 फीसद से अधिक की गिरावट आ गई है। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा भी कपड़ा उत्पादन और निर्यात में गिरावट के मामले में सरकार से लगातार गुहार लगा रही है। हरियाणा के करीब 1600 गारमेंट एक्सपोर्टर जीएसटी रिफंड नहीं मिलने से काफी परेशान हैं। गुरुग्राम की बात की जाए तो एक भी एक्सपोर्टर को रिफंड नहीं मिला है। स्थिति काफी भयावह हो गई है। यही हाल रहा तो एक माह में काफी गारमेंट यूनिटों पर ताला लटका मिलेगा। सरकार के जीएसटी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गारमेंट एक्पोर्टरों से कार्यालय का चक्कर लगवाया जा रहा है मगर उनका काम नहीं किया जा रहा है।
अनिमेश सक्सेना, गारमेंट एक्सपोर्टर एवं उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएसटी रिफंड मिलने में देरी से कपड़ा निर्यातकों की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। केंद्र सरकार के रुख को देखते हुए लग रहा था कि यह रिफंड जल्द ही मिल जाएगा। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। रिफंड को लेकर स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है।
संजय केडिया, गारमेंट एक्सपोर्टर