जीसीसीआइ ने निजी क्षेत्र में आरक्षण पर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
गुड़गांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआइ) ने निजी क्षेत्र की कुल नौकरियों में हरियाणा मूल के लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने के कानून का लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा गया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुड़गांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआइ) ने निजी क्षेत्र की कुल नौकरियों में हरियाणा मूल के लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने के कानून का लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा गया है। चैंबर की ओर से कहा गया है कि यह कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 के साथ-साथ एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के भी अनुकूल नहीं है। उस पर भी यह कानून उस समय लाया गया जब उद्योग जगत कोविड-19 महामारी से उबरने की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा था।
प्रदेश सरकार चैंबर द्वारा मांग की गई है कि वह इस कानून पर फिर से विचार करें। यह प्रदेश के औद्योगिक विकास, विस्तार और निवेश के हित में नहीं है।
जीसीसीआइ ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में यह स्पष्ट किया है कि इस कानून के कारण कुछ कंपनियां प्रदेश से दूसरे राज्यों की ओर जाने के लिए प्रेरित हो सकती हैं। इसका एक नकारात्मक असर यह होगा कि प्रदेश से निवेशक भी दूरी बना सकते हैं। इसमें कहा गया है कि प्रदेश एक आर्थिक शक्ति के रूप में इसलिए उभरा है कि यहां पर कई राज्यों की प्रतिभाएं यहां पर काम करती हैं। प्रदेश के उद्योगों के जिस प्रकार के श्रम शक्ति की जरूरत होती है उन सभी की प्रदेश में मौजूदगी नहीं है।
50 हजार तक के वेतनमान वाली नौकरियों को इस कानून के दायरे में रखा गया है। देखा जाए तो उद्योग जगत की अधिकतर नौकरियां इसके दायरे में आ जाएंगी। इस कानून को चैंबर ने कारोबारी सहूलियत की राह में बड़ा रोड़ा बताया है।
प्रदेश में आटो क्षेत्र महत्वपूर्ण है। ओरिजिनल इक्वीपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स की बात की जाए तो इसका प्रदेश की जीडीपी में 25 प्रतिशत योगदान है और 10 लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। चैंबर के महासचिव एसके आहूजा का कहना है कि गुरुग्राम देश का सबसे बड़ा आटोमोबाइल हब है। मेडिकल टूरिज्म और फैशन के क्षेत्र में इसका प्रदेश में महत्वपूर्ण स्थान है। इन सभी के लिए 75 प्रतिशत प्रतिभाएं प्रदेश के अंदर उपलब्ध नहीं हैं। चैंबर की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिख निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण कानून पर फिर से विचार करने का आग्रह किया गया है। यह कानून प्रदेश के औद्योगिक विकास और आर्थिक समृद्धि की राह में बड़ा रोड़ा बन सकता है। अभी यह सही समय है जब इस पर नए सिरे से मंथन किया जाए।
विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री