पॉश इलाके की सोसायटी का सीवर प्रदूषित कर रहा है इलाका
द्वारका एक्सप्रेस वे या नार्दन पेरिफेरल रोड में बने नए सेक्टरों में अभी सीवेज लाइन नहीं बिछी है। लोग इस बात को लेकर परेशान रहते है कि बगैर सीवेज लाइन के काम कैसे चले? सोसायटियों में खुद के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की सुविधा होती है मगर इसकी क्षमता उतनी नहीं होती जितनी आबादी वहां रहती। मुख्य सीवेज और ड्रेनेज लाइन से उनका कनेक्शन होता है ताकि गंदगी निकल सके। जहां नहीं है, वहां टैंकर से सीवेज की गंदगी जाती है। अनधिकृत कॉलोनियों में भी सीवेज लाइन नहीं है और वहां की गंदगी भी आस-पास के सेक्टरों में गंदगी का तालाब बना रही है। मगर टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग द्वारा योजना बद्ध तरीके से बसाई सोसायटी का गंदा पानी आस-पास जमा हो और इससे लोगों मच्छर, मक्खी और बदबू से दिक्कत हो तो यह प्रशासनिक उदासीनता कही जाएगी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: द्वारका एक्सप्रेस वे या नार्दर्न पेरिफेरल रोड के साथ बने नए सेक्टरों में अभी सीवर लाइन नहीं बिछी है। लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि बगैर सीवर लाइन के काम कैसे चले? सोसायटियों में खुद के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की सुविधा होती है मगर इसकी क्षमता उतनी नहीं होती जितनी आबादी वहां रहती है। मुख्य सीवर और ड्रेनेज लाइन से उनका कनेक्शन होता है ताकि गंदगी निकल सके। जहां नहीं है, वहां टैंकर से सीवर की गंदगी जाती है।
अनधिकृत कॉलोनियों में भी सीवर लाइन नहीं है और वहां की गंदगी भी आस-पास के सेक्टरों में गंदगी का तालाब बना रही है। मगर टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग द्वारा योजनाबद्ध तरीके से बसाई सोसायटी का गंदा पानी आस-पास जमा हो और इससे लोगों को मच्छर, मक्खी और बदबू से दिक्कत हो तो यह प्रशासनिक उदासीनता कही जाएगी।
सेक्टर 50 में फ्रेस्को सोसायटी को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की मुख्य ड्रेनेज लाइन से नहीं जोड़ा गया। यहां का सीवर बहकर आस-पास जमा हो रहा था और एक गंदे तालाब की शक्ल ले चुका था। हालांकि लोगों ने जब गुहार लगाई तो बिल्डर प्रबंधन ने उसे मलबे, कूड़े और मिट्टी से पाटकर भरने की कोशिश की, मगर अभी भी यह पूरी तरह भरा नहीं है। गंदगी आस-पास जमा है और आस-पास की सोसायटियों में रहने वाले लोगों को इससे दिक्कत आ रही है।
फ्रेस्को सोसायटी में 839 फ्लैट हैं। अधिवास प्रमाण पत्र नहीं मिला है और इस कारण इस सोसायटी के पास न पानी का कनेक्शन है और न ही सीवर का। इस सोसायटी से लगभग छह लाख लीटर सीवर का पानी प्रतिदिन निकलता है। सोसायटी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता भी कम है। यहां से निकलने वाला अतिरिक्त पानी पास के खाली प्लॉट में जमा होता रहता है।
लोगों ने जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित कर गुहार लगाई तो बिल्डर प्रबंधन ने मलबे और कचरे से भरकर पाटने का प्रयास किया। फ्रेस्को के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष नीलेश टंडन के मुताबिक बिल्डर प्रबंधन ने गंदे पानी को हटाने की कार्रवाई बुधवार को शुरू कर दी है।
डियरवुड सोसायटी में रहने वाली कविता बताती है कि पिछले पांच साल से वे यहां जमा हो रहे गंदे पानी को लेकर अधिकारियों से लेकर बिल्डर प्रबंधन तक से गुहार लगा रही हैं। यहां गंदगी फेंकी जाती है। यह सारा इलाका सेक्टर 50 के निर्वाणा कंट्री में आता है। आरती का कहना है कि जब किसी सोसायटी में लोग करीब आठ साल से रह रहे हों तो उसको सीवर की लाइन से क्यों नहीं जोड़ा जा रहा है? गंदगी के कारण हमेशा बुरा हाल रहता। गंदे पानी पर मलबा डाल देना समस्या का समाधान नहीं, स्थायी हल ढूंढना होगा।