कोरोनाकाल के सावन में भक्तों ने घर पर ही किया शिवपूजन
सावन का पहले सोमवार पर मंदिरों में जो नजारा दिखता था वह इस बार भले न दिखा हो लेकिन लोगों की श्रद्धा में कोई फर्क नहीं आया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सावन का पहले सोमवार पर मंदिरों में जो नजारा दिखता था वह इस बार भले न दिखा हो लेकिन लोगों की श्रद्धा में कोई फर्क नहीं आया। लोगों ने घरों पर रहते हुए शिव पूजन किया और जल चढ़ाया। इस दौरान कुछ लोग पार्कों में भी जल चढ़ाते नजर आए। पुजारियों से पूजा की ऑनलाइन विधि पूछ लोगों ने घरों में पूजा अर्चना की। लोगों ने इस दौरान ऑनलाइन शिव चालिसा भी सुनी। मंदिरों के कपाट खुले नहीं होने के चलते कई लोग शिव मूर्ति चौक पर स्थित शिव प्रतिमा पर जल चढ़ाने पहुंचे। लोगों ने शारीरिक दूरी का ध्यान रख जल चढ़ाया। मंदिर नहीं खुलने से फूल व पूजन सामग्री बेचने वाले जरूर निराश दिखे। कईयों ने तो कालोनियों में फेरी लगा कर फूल व धतूरे बेचे।
सेक्टर सात निवासी सुषमा का कहना था कि वे मंदिर जदाना चाहती थी लेकिन महामारी के इस दौर में उन्होंने घर पर ही पूजा की विधि पूरी की। उन्होंने एक दिन पहले ही बेलपत्र, दूध और धतूरा जैसी चीजें मंगवा ली थी और सुबह पूजा की। सेक्टर 23 निवासी अभिलाषा का कहना था कि उन्होंने सावन के पहले सोमवार के साथ सोलह सोमवार के व्रत उठाएं हैं और घर पर ही पूजा पाठ की। लोगों ने घरों के अलावा पार्कों या पास के पेड़ों के पास जाकर भी पूजा की। बाजारों में भी सोमवार का असर दिखा और फल सब्जियों की बिक्री बढ़ी। भक्तों का हुजूम देख बंद किए गए मंदिर के कपाट
संवाद सहयोगी, पटौदी: कोरोना संकट को देखते हुए जिले में धार्मिक स्थल खोले जाने पर 30 जुलाई तक पाबंदी लगी हुई है। इसके बाद भी गांव ईंछापुरी स्थित प्राचीन शिव मंदिर के द्वार खुले हुए थे। सुबह सात से दस बजे के बीच यहां पर काफी संख्या में भगवान भोले के भक्त पहुंच गए, जिनमें शारीरिक दूरी भी नहीं रही। यह हालत देख शिव मंदिर धर्मार्थ व दानार्थ ट्रस्ट मंदिर के दरवाजे बंद करा दिए। सावन माह भर मंदिर के कपाट बंद रखे जाएंगे। शिव मंदिर धर्मार्थ व दानार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष रमेश गर्ग कहा भक्तों के हुजूम एकत्र होने से शारीरिक दूरी बनाना संभव नहीं है। इसलिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। लोग घर से पूजा अर्चना करें।