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हाईवे से लेकर शहर तक शांतिपूर्ण निकला ट्रैक्टर मार्च

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर मार्च जिले में शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। निर्धारित रूट का न ही बाहरी किसानों ने और न ही शहर में बैठे किसानों ने ही उल्लंघन किया। हालांकि किसी भी स्थिति से निबटने के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 06:59 PM (IST)
हाईवे से लेकर शहर तक शांतिपूर्ण निकला ट्रैक्टर मार्च
हाईवे से लेकर शहर तक शांतिपूर्ण निकला ट्रैक्टर मार्च

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर मार्च जिले में शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। निर्धारित रूट का न ही बाहरी किसानों ने और न ही शहर में बैठे किसानों ने ही उल्लंघन किया। हालांकि किसी भी स्थिति से निबटने के लिए निर्धारित रूटों पर ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में अभूतपूर्व सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। सिरहौल बार्डर, आया नगर बार्डर एवं कापसहेड़ा बार्डर पर विशेष रूप से सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।

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गणतंत्र दिवस समारोह को देखते हुए जांच के बाद ही वाहनों को दिल्ली सीमा में प्रवेश करने दिया गया। इस वजह से सीमावर्ती इलाकों में ट्रैफिक का दबाव काफी देर तक बना रहा। ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण संपन्न होने से न केवल पुलिस प्रशासन ने बल्कि आम लोगों ने भी राहत की सांस ली है।

राजस्थान के शाहजहांपुर बार्डर पर बैठे किसानों एवं रेवाड़ी के मसानी में बैठे किसानों का ट्रैक्टर मार्च मानेसर घाटी से ही यू-टर्न हो गया। पहले ट्रैक्टर मार्च पचगांव से केएमपी एक्सप्रेस-वे होते हुए फरुखनगर, बादली से टीकरी बार्डर तक जाना था। वहां से फिर किसान वापस होते। बताया जाता है कि सोमवार देर रात गुरुग्राम पुलिस किसानों को समझाने में कामयाब हो गई। दोनों जगह से दिल्ली-जयपुर हाईवे से होते गुरुग्राम सीमा में पहुंचे किसान मानेसर घाटी से ही लौट गए।

शाहजहांपुर बार्डर से पहुंचे किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि कई किलोमीटर तक ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर दिखाई दे रहे थे। सभी एक सुर से यही आवाज लगा रहे थे कि कृषि कानून वापस लो। बीच-बीच में भारत माता की जय का उद्घोष भी कर रहे थे। अधिकतर लोग राजस्थान की पारंपरिक वेषभूषा में थे। किसान मानेसर घाटी से ही यू-टर्न हो जाएं, इस पर नजर रखने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक, मुख्यालय) संजीव बल्हारा ने मोर्चा संभाल रखा था। मानेसर घाटी में आइटीबीपी के जवान भी सक्रिय रहे। शहर में भी किसानों ने निकाला मार्च

कृषि कानूनों के खिलाफ राजीव चौक पर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों ने शहर में ट्रैक्टर मार्च निकाला। मार्च निकालने के लिए काफी संख्या में किसान धरनास्थल पर ट्रैक्टर के साथ एकत्रित हुए। यहां से किसान रेलवे रोड, सेक्टर-चार चौक, प्रकाशपुरी चौक, सेक्टर-पांच चौक, पालम विहार, रेजांगला चौक, रोटरी पब्लिक स्कूल के सामने, मारुति कंपनी के सामने, महाराणा प्रताप चौक, महावीर चौक एवं मोर चौक से होते हुए धरनास्थल पर पहुंचे।

ट्रैक्टर मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता संतोख सिंह, नगर निगम पार्षद आरएस राठी, कांग्रेस नेता राव कमलबीर सिंह, पूर्व पार्षद गजे सिंह कबलाना, पूर्व जिला पार्षद प्रदीप जेलदार, अभय पूनिया, बीर सिंह एवं किसान नेता धान सिंह तंवर आदि ने भूमिका निभाई। ट्रैक्टर मार्च की वजह से शहर में घंटों ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित रही। रविवार के अलावा किसी अन्य दिन मार्च निकाला जाता तो ट्रैफिक व्यवस्था को संभालना मुश्किल हो जाता। निर्धारित रूट पर ही किसान रहें, इस पर नजर रखने के लिए मार्च के साथ सहायक पुलिस आयुक्त (उद्योग) राजीव कुमार एवं सहायक पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा) शकुंतला सहित कई पुलिस अधिकारी चल रहे थे। फरुखनगर इलाके में भी किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर मार्च निकाला। ट्रैफिक डायवर्जन से नहीं लगा जाम

ट्रैक्टर मार्च की वजह से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव न बढ़े, इसके लिए जयपुर की तरफ जाने वाले वाहनों को राजीव चौक से सोहना रोड की तरफ जबकि हीरो होंडा चौक से पटौदी रोड की तरफ डायवर्ट किया गया था। हालांकि इससे वाहन चालकों को परेशानी हुई। सोहना रोड पर सुभाष चौक से आगे सीवर की पाइपलाइन टूटने की वजह से पानी जमा हो गया था। इस वजह से सोहना रोड पर कई बार ट्रैफिक का दबाव बना। इसी तरह पटौदी रोड पर भी ट्रैफिक का दबाव बना रहा।

मानेसर घाटी तक पहुंचे किसानों के तीन जत्थे

संस, मानेसर: जिले में मानेसर घाटी तक बाहर से किसानों के तीन जत्थे पहुंचे। सबसे पहले रेवाड़ी के मसानी से किसानों का जत्था पहुंचा। इसके बाद राजस्थान के शाहजहांपुर बार्डर से किसानों का जत्था पहुंचा। अंत में राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में किसानों का जत्था पहुंचा। सभी जत्थे में सैकड़ों ट्रैक्टर थे। तीनों जत्थे मानेसर घाटी से वापस हो गए। किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए केएमपी एक्सप्रेस-वे पर सैकड़ों पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे। मार्च संपन्न होने तक मानेसर से आगे यानी जयपुर की तरफ वाहनों के जाने पर रोक लगा दी गई थी। पचगांव चौक के नजदीक केएमपी-एक्सप्रेस-वे से नीचे उतरने की अनुमति वाहन चालकों को नहीं दी गई थी। केएमपी एक्सप्रेस-वे से गुरुग्राम, दिल्ली और धारूहेड़ा की तरफ जाने वाले वाहनों को वाया तावड़ू निकाला गया। पूरे जिले में शांतिपूर्ण तरीके से गणतंत्र दिवस समारोह के साथ ही ट्रैक्टर मार्च भी शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। इसके लिए जिस स्तर पर सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए थे, किए गए थे। जब तक आंदोलन चलेगा, तब तक इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। निर्धारित रूटों पर ही ट्रैक्टर मार्च निकाला गया।

- केके राव, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम


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