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26 को ट्रैक्टर मार्च न निकालें किसान

ृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च न निकालने की अपील शहीद फाउंडेशन के पूर्व सैन्य अधिकारियों ने किसानों संगठनों से की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 05:51 PM (IST)
26 को ट्रैक्टर मार्च न निकालें किसान
26 को ट्रैक्टर मार्च न निकालें किसान

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च न निकालने की अपील शहीद फाउंडेशन के पूर्व सैन्य अधिकारियों ने किसानों संगठनों से की है। उनका कहना है कि लाखों लोगों की कुर्बानी के बाद देश आजाद हुआ है। 26 जनवरी को सेना दिवस के रूप में भी मनाते हैं क्योंकि इस दिन सेना अपने शौर्य का प्रदर्शन करती है। पूरे साल सेना को इस दिन का इंतजार रहता है। ट्रैक्टर मार्च निकालने से सेना का मनोबल कमजोर होगा। चीन एवं पाकिस्तान जैसे दुश्मन चाहते हैं कि भारतीय सेना का मनोबल गिरे। किसानों के ट्रैक्टर मार्च से चीन एवं पाकिस्तान जैसे दुश्मन का मनोबल बढ़ेगा।

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शनिवार को सिविल लाइंस स्थित शमा टूरिस्ट काम्पलेक्स में आयोजित पत्रकार वार्ता में उपस्थित पूर्व सैन्य अधिकारियों शहीद फाउंडेशन के संयोजक मेजर (डा.) टीसी राव, ब्रिगेडियर जेके बंसल, कर्नल जेके सिंह, कर्नल महावीर यादव, कर्नल एके मेहंदीरत्ता, कैप्टन राजेंद्र यादव एवं मेजर एसएन यादव ने एक सुर में किसानों से अपील की कि वे 26 जनवरी को छोड़कर बाकी दिन अपना प्रदर्शन करते रहें। 26 जनवरी को लेकर सेना महीनों तैयारी करती है। पूरी दुनिया की नजर गणतंत्र दिवस समारोह के ऊपर रहती है। सेना में अधिकतर किसानों के बेटे हैं। यह भी किसान संगठनों को समझना चाहिए। समारोह के दौरान न केवल शहीदों का सम्मान किया जाता है बल्कि उनके स्वजन का भी सम्मान किया जाता है। यह दिवस साल में केवल एक बार आता है। ट्रैक्टर मार्च निकालकर महान दिवस का अपमान न करें। चीन एवं पाकिस्तान देश को कमजोर करने में फिराक में बैठे हैं। भारतीय सेना की मजबूती की वजह से दोनों कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन जब सेना का ही मनोबल गिर जाएगा फिर दुश्मनों से कैसे मुकाबला करेंगे। सेना की खातिर 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च न निकालें। किसान ट्रैक्टर मार्च निकालते हैं तो पूरी दुनिया में भारत की स्थिति कमजोर होगी। पूरी दुनिया में संदेश जाएगा कि वहां के लोग अपने राष्ट्रीय पर्व का भी सम्मान नहीं करते। पूरा देश 26 जनवरी का इंतजार करता है। शासन-प्रशासन कई दिन पहले से ही तैयारी में जुट जाता है लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से सभी का ध्यान बंटा हुआ है।


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