निर्यातकों को उम्मीद, जल्द मिल जाएगा जीएसटी रिफंड
साइबर सिटी के निर्यातकों को उम्मीद है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के अंतर्गत फंसा उनका रिफंड अब जल्द ही उन्हें मिल जाएगा। ऐसा इसलिए कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क (सीबीआइसी) ने जीएसटी रिफंड का सोमवार से तीसरा पखवाड़ा शुरू कर दिया है। पहले दो पखवाड़े के दौरान प्रदेश के कुछ ही निर्यातकों को उनका रिफंड मिल सका था। गुरुग्राम में अभी काफी ऐसे गारमेंट निर्यातक हैं जिन्हें इस रिफंड का बेसब्री से इंतजार और जरूरत है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी के निर्यातकों को उम्मीद है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के अंतर्गत फंसा उनका रिफंड अब जल्द ही उन्हें मिल जाएगा। ऐसा इसलिए कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क (सीबीआइसी) ने जीएसटी रिफंड का सोमवार से तीसरा पखवाड़ा शुरू कर दिया है। पहले दो पखवाड़े के दौरान प्रदेश के कुछ ही निर्यातकों को उनका रिफंड मिल सका था। गुरुग्राम में अभी काफी ऐसे गारमेंट निर्यातक हैं, जिन्हें इस रिफंड का बेसब्री से इंतजार और जरूरत है।
जीएसटी रिफंड में पहले ही काफी देरी हो चुकी है। इसमें और देरी से निर्यातकों का हौसला टूटता जा रहा है। गारमेंट निर्यातक संजय का कहना है कि सीबीआइसी द्वारा जीएसटी रिफंड को लेकर जो तीसरा पखवाड़ा शुरू किया गया है। इससे सभी को उम्मीद है कि उनके फंसे रुपये निकल आएंगे जिससे कारोबार को बेहतर ढंग से करने में मदद मिलेगी। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि जीएसटी रिफंड नहीं होने से गारमेंट, लेदर प्रोडक्ट सहित अन्य प्रकार के उत्पादों का निर्यात करने वाले परेशान हैं। जीएसटी जब से लागू हुई है तब से उद्योग जगत की समस्या कम होने की बजाय बढ़ती दिख रही है।
निर्यातकों का कहना है कि जब जीएसटी रिफंड की व्यवस्था सरकार ने बनाई है तो इसके लिए प्रावधान भी सरल होने चाहिए। रिफंड के लिए किए जा रहे आवेदन बार-बार निरस्त किए जा रहे हैं। वहीं जिनका आवेदन स्वीकार किया गया है उनमें से भी बड़ी संख्या में लोगों को भुगतान नहीं किया गया है। सरकारी अधिकारियों द्वारा उद्यमियों को नियमों के नाम पर परेशान किए जा रहे हैं। अब यदि जीएसटी रिफंड के तीसरे पखवाड़े में भी ऐसा ही हुआ तो दिक्कत बढ़ जाएगी। औद्योगिक एसोसिएशनों के पदाधिकारियों का कहना है कि गुरुग्राम में 900 गारमेंट निर्यातकों में से अभी तक कुछ को ही रिफंड मिल सका है।