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आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के टकराव में पिस रहे 104 कर्मचारी

सेक्टर-56 स्थित केंद्रीय विहार सोसायटी में आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के बीच टकराव में कर्मचारी पिस रहे हैं। जून का महीना बीतने पर भी मई माह का वेतन नहीं मिल पाया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:00 PM (IST)
आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के टकराव में पिस रहे 104 कर्मचारी
आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के टकराव में पिस रहे 104 कर्मचारी

महावीर यादव, बादशाहपुर

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सेक्टर-56 स्थित केंद्रीय विहार सोसायटी में आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के बीच टकराव में कर्मचारी पिस रहे हैं। जून का महीना बीतने के बाद भी उन्हें मई माह का वेतन नहीं मिल पाया है। इससे सिक्योरिटी गार्ड, माली और प्लंबर का काम करने वाले 104 कर्मचारी परेशान हैं। इस वेतन के सहारे अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले कर्मचारियों के सामने आर्थिक तंगी खड़ी हो गई है।

केंद्रीय विहार सोसायटी शहर की सबसे पुराने सोसाइटी है। इसमें 1940 फ्लैटों में करीब 7000 लोग रहते हैं। आरडब्लूए के पदाधिकारियों में आपसी विवाद चल रहा है, जिसके चलते आरडब्ल्यूए के प्रधान अभय राज सिंह ने 6 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ कोषाध्यक्ष गिलबर्ट ए अली ने भी अपना पद छोड़ दिया। कार्यकारिणी में 6 जून को ही बैठक कर उपाध्यक्ष वीके सिगला को अध्यक्ष और दीपक गोयल को कोषाध्यक्ष के रूप में नामित कर दिया। इनके पास ना तो चेक बुक है और ना ही बैंक से पैसा निकालने के लिए यह अधिकृत हैं। बैंक से लेन-देन करने के लिए चेक पर कोषाध्यक्ष के साथ अध्यक्ष या महासचिव के हस्ताक्षर होना जरूरी है। अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के रूप में नामित वीके अग्रवाल और दीपक गोयल ने बैंक से संपर्क किया तो बैंक ने जवाब दिया की हस्ताक्षर बदलने के लिए पहले से जिन के हस्ताक्षर बैंक में दर्ज है, उनकी सहमति जरूरी है। 104 कर्मचारियों पर वेतन का संकट

सोसायटी में विभिन्न कार्यों के लिए 104 कर्मचारी तैनात हैं। इनमें सिक्योरिटी गार्ड, माली, पलंबर, इलेक्ट्रिशियन आदि शामिल है। इन 104 कर्मचारियों को प्रतिमाह आरडब्ल्यूए की तरफ से करीब 17 लाख रुपए वेतन दिया जाता है। तीन अलग-अलग कांट्रेक्टर के माध्यम से करीब 50 सिक्योरिटी गार्ड, 20 माली व सफाई कर्मी और 15 लोगों का हाउसकीपिग स्टाफ है। बिजली बिल जमा कराने का संकट लगा, 8 हजार जुर्माना

बिजली का बिल जमा कराने का भी संकट खड़ा हो गया है। आरडब्ल्यूए का बिजली का करीब चार लाख रुपए का बिल जमा नहीं हो पाया। बिल जमा कराने की आखिरी तारीख 28 जून थी। बिल जमा न कराने पर करीब आठ हजार रुपए जुर्माना लग गया। अगर जल्द बिल जमा ना कराया गया तो बिजली का कनेक्शन भी कट सकता है। इससे सोसायटी के लोगों की परेशानी और भी बढ़ जाएगी। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी परेशान तो है। आरडब्ल्यूए के पूर्व अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष चार्ज नहीं दे रहे हैं। बैंक में अभी उनके हस्ताक्षर हैं। वह चार्ज देने के बाद बैंक में हस्ताक्षर कर देंगे तो तुरंत लेनदेन कर सभी लोगों का वेतन दे दिया जाएगा और बिजली का बिल भी भर दिया जाएगा।

नानक चंद, महासचिव, आरडब्ल्यूए, केंद्रीय विहार सोसायटी मैंने कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन अब अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। कांट्रेक्टर के जो बिल आए हैं। महासचिव उन बिलों को अप्रूव कर कार्यालय में रखी चेक बुक भरवा कर भेज दें। मैं चेक साइन करने को तैयार हूं। उसके साथ आरडब्ल्यूए कार्यकारिणी एक पत्र भी दे कि चेक साइन करने पर किसी को आपत्ति नहीं है।

गिलबर्ट ए अली, कोषाध्यक्ष, आरडब्ल्यूए, केंद्रीय विहार सोसायटी


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