जिला बार एसोसिएशन के चुनाव की सरगर्मियां तेज
जिला बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
जिला बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। जिला अदालत परिसर के भीतर व बाहर पोस्टर से लेकर होर्डिंग्स तक लग गए हैं। अध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवार (एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पर्वत सिंह ठाकरान, पूर्व सचिव विनोद कटारिया एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अभय सिंह दायमा) खुले रूप से सामने आ गए हैं। अधिवक्ताओं के बीच तीनों की बेहतर पहचान होने की वजह से इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है। धीरे-धीरे अधिवक्ता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में गोलबंद होने लगे हैं।
पिछले कुछ सालों से जिला बार एसोसिएशन का चुनाव काफी हाईप्रोफाइल हो गया है। पहले पोस्टर या होर्डिंग्स नहीं लगाए जाते थे। चुनाव से 10 दिन पहले तैयारी शुरू की जाती थी। अब कई महीने पहले से ही संभावित उम्मीदवार तैयारी शुरू देते हैं। इस बार तीन अप्रैल को चुनाव होना है लेकिन तीन-चार महीने पहले से ही प्रचार शुरू हो चुके हैं। ऐसा लगता है कि जैसे विधानसभा एवं लोकसभा का चुनाव हो। इस बार का चुनाव काफी रोचक इसलिए दिख रहा है क्योंकि अध्यक्ष के पद के तीनों संभावित उम्मीदवारों की अपनी-अपनी पकड़ है। लगभग एक जैसे हैं तीनों उम्मीदवारों के मुद्दे
अध्यक्ष पद के तीनों संभावित उम्मीदवारों के चुनावी मुद्दे लगभग एक जैसे ही हैं। तीनों जीतने के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की एक बेंच गुरुग्राम में गठित कराने का प्रयास करेंगे। सभी अधिवक्ताओं के लिए चैंबर की सुविधा हो, इसका प्रयास तीनों करेंगे। नए अधिवक्ताओं के लिए स्टाइफंड की सुविधा एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही इंश्योरेंस पॉलिसी के ऊपर भी तीनों जोर देंगे। इस वजह से सभी अधिवक्ता इस बार असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर जाएं तो कहां जाएं। खुलकर सामने आने से भी परहेज कर रहे हैं। दोस्ताना माहौल में संपन्न होगा चुनाव
पिछले कई चुनाव में चुनाव अधिकारी की भूमिका निभा चुके वरिष्ठ अधिवक्ता व सेवानिवृत्त डीएसपी बनवारीलाल कहते हैं कि तीनों संभावित उम्मीदवारों की सामाजिक पहचान है। जिनके ऊपर सामाजिक पहचान होती है, उनके ऊपर काफी दबाव रहता है। वे अपने स्तर पर गलत नहीं कर सकते। उनके समर्थक शोर-शराबा कर दें वह बात अलग है। वैसे पूरी उम्मीद है कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से दोस्ताना माहौल में संपन्न होगा। उन्हें यदि इस बार भी चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी दी जाएगी तो वह जिम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हटेंगे।