..ताकि शिक्षा की रोशनी से रह कोई बाकी न जाए
शिक्षा चक्र टूट न जाए एक भी बच्चा छूट न जाए। यह अभियान चलाया है हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने।
सोनिया, गुरुग्राम
शिक्षा चक्र टूट न जाए, एक भी बच्चा छूट न जाए। यह अभियान चलाया है हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने। परिषद ने ड्रॉपआउट बच्चों तक शिक्षा का उजियारा पहुंचाने के लिए नई-नई योजनाएं बनाई हैं। इन योजनाओं के तहत प्रदेश के ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उन्हें शिक्षित करने का कार्य किया जाएगा।
जिला परियोजना संयोजक रितु चौधरी ने बताया कि ड्रॉपआउट बच्चे अधिकतर स्लम बस्तियों में रहने वाले होते हैं। इनमें कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जो कभी स्कूल ही नहीं गए। कुछ ऐसे भी होते हैं, जो स्कूल तो गए, पर आर्थिक स्थिति बेहतर न होने से उन्हें बीच में ही स्कूल ड्रॉपआउट करना पड़ा। इन्हीं बच्चों को शिक्षित करने के लिए लिए परिषद ने यह योजना बनाई है। परिषद के निर्देश के अनुसार, इस कार्य में अनुभूति फाउंडेशन भी मदद कर रहा है।
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बच्चों को मिलेगी बस की सुविधा
डीपीसी रितु चौधरी ने बताया कि परिषद द्वारा ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास हो रहा है। दूर-दराज के ड्रॉपआउट बच्चों के लिए लर्निंग सेंटर खोले जाएंगे। हाल ही में परिषद द्वारा जारी निर्देश के अनुसार इन सेंटर तक बच्चों को पहुंचाने के लिए नि:शुल्क बस सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। ड्रॉपआउट बच्चों की उम्र के हिसाब से संबंधित कक्षा के लिए उनको पढ़ाया जाएगा। पढ़ाई के लिए पुस्तक से लेकर पेन तक की सभी आवश्यक सामग्री परिषद द्वारा नि:शुल्क दी जाएगी। इसके बाद इन बच्चों का टेस्ट होगा और उन्हें उम्र के हिसाब से संबंधित कक्षा के लिए पास के सरकारी स्कूल में दाखिला दिया जाएगा।
- ड्रॉपआउट बच्चों की सूची की जा रही है तैयार
जिला परियोजना संयोजक (डीपीसी), गुरुग्राम रितु चौधरी ने बताया कि अनुभूति फाउंडेशन के सदस्यों के सहयोग से जिले के सभी असिस्टेंट ब्लॉक रिसोर्स को-आर्डिनेटर (एबीआरसी), ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और क्लस्टर रिसोर्स को-आर्डिनेटर (सीआरसी) स्लम बस्तियों के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। अपने-अपने खंड में यह सभी स्लम बस्तियों के ड्रॉपआउट और अशिक्षित बच्चों की सूची तैयार कर डीपीसी कार्यालय में जमा करवाएंगे।