बजट बिगुल: आइटी क्षेत्र में ईज आफ डूइंग बिजनेस को मिले बढ़ावा
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में भी इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी (आइटी) और आइटी इनेबल्ड सेक्टर मजबूती से डटा रहा। कोरोना काल में यह एक बेहतर रोजगार प्रदाता सेक्टर बना रहा है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में भी इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी (आइटी) और आइटी इनेबल्ड सेक्टर मजबूती से डटा रहा। कोरोना काल में यह एक बेहतर रोजगार प्रदाता सेक्टर बना रहा है। आइटी क्षेत्र के दिग्गजों को उम्मीद है कि बृहद संभावनाओं वाले इस क्षेत्र को आम बजट 2022-23 से भरपूर उम्मीदें है। छोटी कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए ईज आफ डूइंग बिजनेस की जरूरत है। इस बात की पूरी संभावना दिखाई दे रही है कि केंद्र सरकार इनके लिए ठोस कदम जरूर उठाएगी। वहीं स्टार्ट-अप्स पर भी अधिक ध्यान दिया जाएगा।
आइटी विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्ट-अप्स के मामले में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही समय है जब इन्हें बढ़ावा देकर अधिक से अधिक स्टार्ट-अप्स को फलने-फूलने का मौका मिले। आज यूनिकार्न मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में देश में लगभग 63 यूनिकार्न कंपनियां हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल के अंत तक देश में यूनिकार्न स्टार्ट-अप्स की संख्या डेढ़ सौ तक पहुंच सकती है। इस श्रेणी में वह कंपनियां आती हैं जिनकी स्टाक वैल्यू एक बिलियन यूएस डालर होती है। इस प्रकार की कंपनियां देश में रोजगार को बढ़ावा देने के मामले में सशक्त भूमिका निभा सकती हैं। यही कारण है कि स्टार्ट-अप्स प्रोत्साहन समय की मांग है।
आइटी सेक्टर के विशेषज्ञ सचिन गुप्ता का कहना है कि टेक्नोलाजी स्टार्ट-अप्स तेजी से उभर रहे हैं। जरूरत है उन्हें उचित वातावरण देने की। फिलहाल वर्तमान केंद्र सरकार शानदार ढंग से इस दिशा में काम कर रही है। इसे देखते हुए लग रहा है कि निश्चित रूप से आने वाले बजट में ठोस घोषणाएं होंगी। आइटी पेशेवर रजत श्रीवास्तव का कहना है कि एक फरवरी को आने वाले बजट में रिस्क कैपिटल मामले में कर छूट मिलनी चाहिए। स्टार्ट-अप्स को कर से छूट देना चाहिए जिससे वह बढ़ सकें। आइटी सेक्टर में विदेशी निवेश को बढ़ाने की जरूरत है।
वर्ष 2021-22 के आम बजट में आइटी-बीपीएम क्षेत्र के लिए कुछ खास घोषणा नहीं की गई थी इस बार उम्मीद है कि सरकार कुछ खास करेगी। इस क्षेत्र में पूंजी निवेश को आकर्षित करना भी जरूरी है। नई टेक्नोलाजी को अपनाने संबंधी खास कदम उठाने चाहिए।
अजय चतुर्वेदी, सीईओ, हर्वा