बैंक्वेट हॉल और सार्वजनिक स्थलों की होगी सघन जांच
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन अब और अधिक सख्ती बरतेगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन अब और अधिक सख्ती बरतेगा। जहां एक ओर बैंक्वेट हॉल व सार्वजनिक स्थलों पर सघन जांच अभियान चलाया जाएगा वहीं दूसरी ओर मास्क का प्रयोग नहीं करने वालों व शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने वालों का चालान काटने की गतिविधि बढ़ाई जाएगी।
यह निर्णय सोमवार को मंडलायुक्त अशोक सांगवान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में आयोजित एक बैठक में लिया गया। इस बैठक में उपायुक्त अमित खत्री के अलावा अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार व सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ सख्ती भी बरती जाएगी। बैंक्वेट हॉल और सार्वजनिक स्थलों पर जांच बढ़ाई जाएगी। अनलॉक-4 के दिशा-निर्देशों के आने के बाद शहर में लगभग सभी गतिविधियां शुरू हो गई हैं, लेकिन देखने मे आया है कि इस दौरान आमजन द्वारा मास्क पहनने और एक-दूसरे के बीच उचित दूरी बनाए रखने के नियम के पालन में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसा करने से दिन-प्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
बैठक में कहा गया कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। घर से बाहर निकलते ही मास्क पहनना व छह फुट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य है। अपने हाथों को सैनिटाइज करने या साबुन से धोने के बाद ही अपने चेहरे पर लगाएं। कोरोना के आंकड़े साझा करते हुए बैठक में बताया गया कि जांच के मामले में गुरुग्राम का प्रदेश में पहला स्थान है। अब तक लगभग दो लाख, 40 हजार लोगों की जांच की जा चुकी है।़
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने मंडलायुक्त को अवगत करवाया कि प्रति 10 लाख पर एक लाख 60 हजार टेस्ट के साथ जिला पूरे देश में नंबर एक पर है। जिले में कोरोना संक्रमण जांच के लिए आरटीपीसीआर व रैपिड एंटीजन जांच का अनुपात 60:40 का है। सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण की दर 7.5 प्रतिशत है और कोरोना के कारण मृत्यु दर 0.88 प्रतिशत है।
मंडलायुक्त ने यह भी बताया कि कोरोना मरीजों के लिए सरकारी व निजी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी काफी बढ़ा दी गई है। अब जिला प्रशासन द्वारा अस्पतालों में कुल आरक्षित बेडों की संख्या 25 प्रतिशत से बढ़ा कर 35 प्रतिशत कर दिया गया है। अब जिले में लगभग 2000 बेड कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में आरक्षित हो गए हैं। इनके अलावा कोरोना मरीजों के लिए आइसीयू में 260 व वेंटिलेटर सुविधा युक्त 122 बेड भी उपलब्ध हैं।