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सड़कों पर घूमते गोवंश आमजन के लिए बने आफत

दो साल पहले प्रशासन ने शहर को सड़क पर घूमने वाले पशुओं से बिल्कुल मुक्त कर दिया था। अब दोबारा सड़कों पर बेसहारा गोवंश का जमावड़ा दिखने लगा है। सड़क पर घूमते गोवंश आमजन के लिए आफत बन गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 06:13 PM (IST)
सड़कों पर घूमते गोवंश आमजन के लिए बने आफत
सड़कों पर घूमते गोवंश आमजन के लिए बने आफत

महावीर यादव, बादशाहपुर

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दो साल पहले प्रशासन ने शहर को सड़क पर घूमने वाले पशुओं से बिल्कुल मुक्त कर दिया था। अब दोबारा सड़कों पर बेसहारा गोवंश का जमावड़ा दिखने लगा है। सड़क पर घूमते गोवंश आमजन के लिए आफत बन गए हैं। सड़क पर इनकी वजह से दुर्घटना होती रहती हैं। नगर निगम सड़क पर घूमते गोवंश के प्रति एक बार फिर से गंभीर दिख रहा है। गोशाला में शेड बनाए जा रहे हैं, ताकि इन बेसहारा गोवंश को पकड़कर गोशाला में भेजा जाए। जिला में इस समय 17 गोशाला में करीब 50 हजार गोवंश है। इनमें 30 हजार गाय और करीब 20 हजार नंदी (सांड) हैं। कार्टरपुरी व चौमा गांव की दो गोशाला नगर निगम संचालित कर रहा है।

सड़कों पर घूमते बेसहारा गोवंश हादसों का सबब बन रहे हैं। पिछले साल अगस्त में बादशाहपुर में स्कूटी पर जा रही सपना गाय सामने आने से गिर गई थी। सिर में चोट लगने से सपना कई दिन कोमा में रहीं। उनके पिता बताते हैं कि बेटी बोलने तो लगी है, पर याददाश्त कमजोर हो गई है। सपना डॉक्टर बनने के लिए कोचिग क्लास ले रही थी। परिवार को उम्मीद थी कि वह डॉक्टर बनेगी, पर उसे अपनी ही सुध नहीं रहती।

जैकबपुरा में रेहड़ी लगाने वाले श्रीनाथ को सांड़ ने सींग से उठाकर फेंक दिया था। इससे उनकी कमर में इतनी गहरी चोट आई कि वह चल-फिर नहीं सकते। मजबूर होकर उन्हें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित पैत्रक गांव जाना पड़ा। बच्चों की पढ़ाई तक छूट गई। सुभाष नगर में रहने वाले अनुज कुमार नई कार लेकर घर से निकले ही थे, तभी दो सांड़ लड़ते हुए उनकी कार से टकरा गए। नई कार क्षतिग्रस्त हुई ही, अनुज के भी चोट लगी थी।

दो साल पहले नगर निगम ने अभियान चलाकर शहर की सड़कों को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने का दावा किया था। उस समय सड़कों पर बेसहारा पशु दिखाई भी नहीं देते थे। अब फिर से पशुओं का जमावड़ा सड़कों पर दिखने लगा है। नगर निगम व गौ सेवा आयोग इन बेसहारा गोवंश के प्रति गंभीरता भी दिखा रहा है। सभी गोवंश को पकड़कर गोशाला में भेजने की योजना बनाई जा रही है। इस समय जिला में 17 गोशाला कार्टरपूरी, चोमा, बसई, गुडगांव गांव, फरुखनगर, घाटा, चकरपुर, वजीराबाद, टीकली, सिलानी, सोहना, मानेसर, कासन, शिकोहपुर, सिकंदरपुर, पंचगांव, हेड़ाहेड़ी, रामपुरा में चल रही हैं।

फरुखनगर गोशाला में सबसे ज्यादा करीब 65 सौ गोवंश मौजूद हैं। कार्टरपुरी व चोमा की गोशाला नगर निगम द्वारा संचालित हो रही है। इनमें क्षमता से अधिक गोवंश रह रहा है। कार्टरपुरी गोशाला में 17 सौ गाय हैं। चोमा गोशाला में 13 सौ नंदी (सांड) हैं। केवल यह दो गोशाला ही ऐसी हैं जिसमें गाय और नंदी अलग-अलग रहते हैं। बाकी सभी गोशाला में गाय और नंदी एक साथ हैं। सिलानी गोशाला को भी नगर निगम अपने अधीन करने जा रहा है। नगर निगम ने सिलानी गोशाला में शेड तैयार कराया है। वहां कुछ गायों को भेजने की योजना बनाई जा रही है।

नगर निगम कार्टरपुरी व चोमा गोशाला में गोवंश के लिए चारा व अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। नगर निगम 2 साल से कम उम्र के बछड़े-बछिया के लिए 25 रुपये प्रतिदिन, गाय के लिए 50 रुपये प्रतिदिन और नंदी के लिए 75 रुपये प्रतिदिन चारा आदि के लिए भुगतान कर रहा है। इन दोनों गोशाला में गोवंश की सेवा के लिए करीब 100 कारिदे लगे हुए हैं। नगर निगम की राशि के अलावा काफी गौ भक्त भी इस गोशाला को दान देते रहते हैं। मुहिम चलाकर फिर बनाया जाएगा स्ट्रे कैटल फ्री

दो साल पहले पूरे शहर में मुहिम चलाकर शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्त कर दिया गया था। सभी बेसहारा गोवंश को पकड़कर गोशाला में भेज दिया गया था। अब फिर से गोवंश को सड़कों से पकड़कर गोशाला में भेजने की मुहिम शुरू की जाएगी।

गौ सेवा आयोग के सदस्य पूर्ण यादव ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा कि कुछ डेयरी संचालक गायों को उनका दूध दूहने के बाद गलियों में चरने के लिए छोड़ देते हैं। इस तरह के डेयरी संचालकों के साथ भी बातचीत की जा रही है। वैसे तो अभी भी सड़कों पर घूमती बेसहारा 10 से 15 गायों को रोजाना पकड़ कर गोशाला में लाया जा रहा है। गोशाला में आने के बाद इन गायों को छोड़ा नहीं जाता है। उपायुक्त की इजाजत के बाद ही गाय मालिक को गाय दी जाती है। उस पर भी उपायुक्त 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के बाद छोड़ते है। अब दोबारा से बड़े पैमाने पर बेसहारा गोवंश को पकड़ कर गोशाला में भेजने की मुहिम शुरू की जाएगी। अगले कुछ दिनों में कोई भी गोवंश सड़क पर घूमता नहीं दिखेगा। कई गोशालाओं में गोवंश रखने की क्षमता बढ़ाई जा रही है। (अगर कोई गोवंश से हादसों का शिकार हुआ है तो हमें इस वाट्सएप नंबर पर बताएं- 9560798096)


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